नरसिंहपुर ।  सिवनी जिला निवासी दो युवकों की हत्या के मामले में मुंगवानी पुलिस संदिग्धों से पूछताछ में जुटी है। मृतकों की कुंडली खंगालने के साथ ही जांच में जो संदिग्ध मिल रहे हैं उन्‍हें पुलिस थाना बुलाकर जानकारी जुटाई जा रही है । गुरूवार को इलाज के लिए जिला अस्पताल आए गाडरवाराखेड़ा निवासी युवक ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसे थाना बुलाया और फिर हाथ-पैर बांधकर बेरहमी से काफी देर तक पीटा। इसके बाद शाम को उसके भाई को बुलाया और उनके साथ घर जाने कह दिया। सिवनी जिले के छपारा निवासी अमन पिता अशोक पाटर 21 व अनंत पिता विनोद पाठक 21 के शव अलग-अलग मुंगवानी थाना के गाडरवाराखेड़ा गांव के आसपास मिले थे। दोनों मृतकों की शव परीक्षण रिपोर्ट और जांच में मिले तथ्यों से पुलिस मान रही है कि दोनों युवकों की एक साथ हत्या की गई है। घटना को छुपाने और हादसे का रूप देने के लिए ही दोनों मृतकों के शवों को अलग-अलग फेंका गया है। पुलिस की दो टीमें जांच में लगी हैं। घटना स्थल से मिले साक्ष्यों और मृतकों की काल डिटेल्स के आधार पर लगातार संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

सतना की पार्टी के जरिए कर्नाटक जाना थे टमाटर

पुलिस को जांच में पता चला है कि मृतक अमन व अनंत गाडरवाराखेड़ा के कृषि फार्म से करीब 900 टन टमाटर ट्रक में भरवाने आए थे। टमाटर की खेप सतना की किसी पार्टी के जरिए कर्नाटक जाना थी। दोनों सब्जी की दलाली के साथ ही क्रय-विक्रय का कार्य करते थे। अधिकांश भुगतान आनलाइन करते थे। पुलिस ने पड़ोसी जिले सिवनी-छपारा से भी मृतकों के संबंध में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। यह पता लगाया जा रहा है कि मृतकों का आचरण कैसा था और उनका किन-किन लोगों से सतत संपर्क रहता था।

बाइक पर गए थे साथ तो शव अलग-अलग कैसे

मामले की जांच में जुटी पुलिस के लिए यह सवाल भी पेचीदा लग रहा है कि जब अज्ञात नकाबपोश बाइक सवार के साथ दोनों मृतक साथ गए थे तो फिर उनके शव अलग-अलग क्यों मिले। पुलिस आशंका जता रही है कि दोनों युवकों की एक साथ हत्या की गई होगी और पुलिस को भ्रमित करने, हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए दोनों के शव अलग-अलग फेंके गए। पुलिस अज्ञात नकाबपोश बाइक सवार की भी सरगर्मी से तलाश कर रही है।

तीन दिन से बुला रही थी पुलिस

बताया जाता है कि गाडरवाराखेड़ा निवासी अखिलेश राय श्रमिकों को लाने-छोड़ने का कार्य करता है। इसे भी पुलिस ने संदिग्ध मानते हुए पूछताछ के लिए बुलाया था। जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती अखिलेश का आरोप है कि पुलिस ने उसे पहले 30 और 31 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया और मारपीट कर सख्ती से पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया। उसके बाद बीते बुधवार को सुबह 10 बजे मुंगवानी थाना बुलाया और वहां कमरे में बंद कर हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद थाना में पदस्थ शिवम बघेल, अंकित और अधिकारी की गाड़ी चलाने वाले ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की। शाम को उसके भाई को बुलाया और फिर उनके साथ घर भेज दिया। रातभर जब उसे असहनीय पीड़ा हुई तो वह जिला अस्पताल इलाज पहुंचा।

इनका कहना है

पुलिस कई बिंंदुओं पर जांच में जुटी है। जो संदिग्ध सामने आ रहे हैं उनसे निरंतर पूछताछ हो रही है। अखिलेश श्रमिक लाने और छोड़ने का कार्य करता है। वह मृतकों के संपर्क में रहा है इसलिए उससे पूछताछ की गई थी।उसे थाना भी बुलाया गया था। उसके द्वारा बेरहमी से मारपीट करने की जो बात कही जा रही है वह गलत है।

पुरूषोत्तम मरावी, एसडीओपी गोटेगांव