नई दिल्ली । नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी संग्राम छिड़ हुआ है। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद भवन के उद्घाटन को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राष्ट्रपति को समारोह में नहीं बुलाने को लेकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान बताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना, यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। राहुल गांधी ने कहा कि संसद अहंकार की ईंटों से नहीं बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनी है।
वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी केंद्र पर हमला किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को इसका उद्घाटन नहीं करना चाहिए। अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करते हैं, एआईएमआईएम समारोह में शामिल नहीं होगी। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्ष द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बहिष्कार तब होना ही था। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि भवन का निर्माण इतनी जल्दी पूरा हो जाएगा। सिर्फ अपना चेहरा बचाने के लिए बहिष्कार का नाटक कर रहे हैं। सरमा ने कहा कि इस दिन वीर सावरकर की जयंती है। यह उनके लिए समारोह का विरोध या बहिष्कार करने का एक और कारण हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह के बयान पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि संसद भवन ब्रिटिश कार्यकाल के पहले बना था और राष्ट्रपति भवन ब्रिटिश काल में बना हुआ है, तब उसका उद्घाटन इंदिरा गांधी कैसे करती? अगर कोई उसके एक हिस्से का उद्घाटन करता है, तब अलग बात है, लेकिन पूरे संसद का उद्घाटन करना अलग बात है। पहले जो बना था उस नया बनाया गया है, तब  हमारी मांग थी कि उसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। राहुल का ये बयान कांग्रेस, आप और टीएमसी सहित 19 विपक्षी दलों द्वारा नए संसद परिसर के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को लेकर आया है।