अयोध्या| अयोध्या में सरयू नदी के तट पर एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हुए 17 लाख से अधिक मिट्टी के दीयों को जलाया गया, यह 'पृथ्वी पर स्वर्ग' जैसा लग रहा था। सरयू नदी में दीयों के प्रतिबिंब ने एक मनमोहक दृश्य बनाया, इसके साथ लेजर शो ने आसमान को जगमगा दिया। अयोध्या में हर तरफ 'जय श्रीराम' के नारे गूंजने लगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि मंदिर में घी के पांच दीये जलाए। दीयों की रोशनी 'दीपोत्सव' का प्रतीक है।

रविवार की शाम अयोध्या पहुंचने के तुरंत बाद पीएम मोदी राम जन्मभूमि मंदिर गए, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और फिर मंदिर स्थल पर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने पहले 'दीया' जलाया और मंदिर निर्माण में लगी टीम से बातचीत की।

इसके बाद प्रधानमंत्री राम कथा पार्क गए जहां उन्होंने भगवान राम का 'अभिषेक' किया। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम पूरे देश के हैं और भगवान राम के बताए रास्ते पर चलना हर देशवासी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हर किसी को भगवान राम से सीखना चाहिए कि कैसे सम्मान दिया जाए और सभी को एक साथ रखा जाए।

उन्होंने कहा, हमारा संविधान समावेश और मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की भी बात करता है। यह दिवाली हम सभी के लिए खास है, क्योंकि यह 'अमृत काल' चल रहा है, यानी आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं।

उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विकास से सर्वागीण विकास होता है। निषाद राज पार्क और क्वीन हो मेमोरियल इसके उदाहरण हैं। इस तरह के विकास से न केवल लोगों के बीच संबंध मजबूत होंगे, बल्कि रोजगार भी पैदा होंगे।

वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उन्होंने 2017 में दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की थी और यह कार्यक्रम हर गुजरते साल के साथ बड़ा होता गया है। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर और मथुरा में आने वाला कृष्णा कॉरिडोर भी ऐसी परियोजनाएं हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री की प्रेरणा से पूरा किया जा रहा है।

मोदी ने इसके बाद सरयू नदी के तट पर 'आरती' की, जिसके बाद लोगों को मनमोहक लेजर शो देखने को मिला।