भविष्य में भाजपा ही भारत के अहम फैसले लेगी 


नई दिल्ली । भाजपा दुनिया की सबसे अहम राजनीतिक पार्टी है,जिसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं। एक अमेरिकी अखबार के आलेख में यह बात कही गई है। अखबार ने आर्टिकल में लिखा, भारत की सत्ताधारी पार्टी भाजपा अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिहाज से  दुनिया की सबसे अहम राजनीतिक पार्टी है। शायद हमें इसके बारे में सबसे कम जानकारी है। भाजपा ने 2014 और 2019 के आम चुनाव में जीत हासिल कर देश की सत्ता पर कब्जा जमा रखा है। इतना ही नहीं भाजपा की ओर से दावा किया जाता है कि वह सदस्यता के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है।
इस आलेख में अमेरिका की इंडो-पैसेफिक रणनीति के लिहाज से भारत और जापान को अहम बताया गया है। इसमें कहा गया है, कि भाजपा ने लगातार दो लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की है और लगता है कि 2024 में भी फिर से सत्ता में आ जाएगी। आलेख में कहा गया हैं, आने वाले भविष्य में भाजपा ही भारत के अहम फैसले लेने की स्थिति में होगी। उसकी मदद के बिना चीन की शक्ति को नियंत्रित करने की अमेरिकी रणनीति का अमल में आना संभव नहीं होगा। भाजपा के बारे में बहुत कम जानकारी है। इसकी वजह यह है कि उस राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास से पैदा हुई है, जिसके बारे में गैर-भारतीयों को ज्यादा जानकारी नहीं रही है।
वह लिखते हैं कि भाजपा की चुनावी सफलता बताती है कि दशकों तक राष्ट्र के पुनर्निर्माण के विचार से उसके चिंतकों ने जो अभियान चलाया था, वह अब सफल हो रहा है। आधुनिकीकरण के हिंदू मार्ग अब भाजपा देश को आगे ले जा रही है। आलेख में भाजपा की तुलना मध्य पूर्व के संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की है। आलेख में लिखा, मुस्लिम ब्रदरहुड की तरह भाजपा पश्चिमी उदारवाद को खारिज करती है। हालांकि वह आधुनिक दौर की ज्यादातर चीजों को स्वीकार करती है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की तरह ही भारत में भाजपा एक अरब से ज्यादा लोगों का नेतृत्व कर रही है। इजरायल की लिकुड पार्टी की तरह भाजपा एक तरफ खुले बाजार की पक्षधर है, तब वहीं परंपरागत मूल्यों को भी मानती है।
इस आलेख में भाजपा की मुस्लिम और ईसाई बहुल इलाकों में भी जीत का जिक्र किया गया है। भाजपा को पूर्वोत्तर भारत के ईसाई बहुल राज्यों में भी सफलता मिली है। इसके अलावा 20 करोड़ से अधिक की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में उसे बड़ा समर्थन हासिल है। यहां शिया मुस्लिमों का एक वर्ग भी उसके साथ है। जातिवाद को भी आरएसएस के कार्यकर्ताओं के प्रयासों के चलते कम करने में मदद मिली है। वह लिखते हैं कि मैंने भाजपा और आरएसएस के सीनियर लोगों से बात की। इसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि अमेरिका और पश्चिमी देशों को संवाद और बढ़ाने की जरूरत है, यह एक सशक्त आंदोलन है।