नई दिल्ली : देश का आम बजट पेश हो चुका  है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2023-24 के अपने बजट भाषण में कहा कि डिजिलॉकर और आधार को केवाईसी जरूरतों को पूरा करने के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही डिजिलॉकर के लिए वन स्टॉप केवाईसी मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आवश्यक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन का उपयोग निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिजीलॉकर अब व्यक्तियों के लिए वन-स्टॉप केवाईसी रखरखाव प्रणाली होगी, जिससे आप कागजात में बदलाव कर सकते हैं जो डिजिलॉकर से जुड़े आपके सभी दस्तावेजों में दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि डिजीलॉकर सर्विस और आधार को मूलभूत पहचान के रूप में उपयोग करते हुए, विभिन्न सरकारी एजेंसियों, नियामकों और विनियमित संस्थाओं द्वारा बनाए गए व्यक्तियों की पहचान और पते के मिलान और अपडेट के लिए एक-स्टॉप समाधान स्थापित किया जाएगा।

बजट भाषण में क्या बोलीं वित्त मंत्री?
वित्त मंत्री सीतारामन ने कहा कि डिजिटल भुगतान में महत्वपूर्ण वृद्धि के साक्षी के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक औपचारिक हो गई है. देश घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए अत्यधिक आकर्षण प्रदान करता है, पर्यटन में दोहन की अपार संभावनाएं हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया और मेक एआई वर्क फॉर इंडिया के विजन को साकार करने के लिए शीर्ष शिक्षण संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 3 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे. अमृत काल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्लासिफिकेशन और फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क को उपयुक्त बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी.

बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने केवीआई प्रोसेस को सिंपल किए जाने पर कहा, " डिजिटल इंडिया को सपोर्ट करने के लिए केवाईसी प्रोसेस को सिंपल करना जरूरी था. ये काफी अच्छा फैसला है. हर फाइनेंशियल रेगुलेटर अब मास्टर केवाईसी को रिव्यू करेगा और उसका अपडेट जारी करेगा. नेशनल डेटा गर्वनेंस पॉलिसी के जरिए डेटा तक पहुंच आसान होगी."