पटना| बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर सियासत जारी है। इस बीच, संभावना जताई जा रही है अगले महीने यानी जनवरी में मकानों की गणना के साथ जाति आधारित गणना का कार्य शुरू हो जाएगी। इस बीच, हालांकि इस गणना को लेकर सियासत नहीं थम रही है। भाजपा ने गणना के पूर्व सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर दी है।

सूत्रों का मानना है कि बिहार में जातीय जनगणना करवाने की प्रक्रिया जनवरी के प्रथम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की राज्यस्तरीय प्रशिक्षण 15 दिसंबर से शुरू हो जाएगी। पहले सभी जिलों से आए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और यही प्रशिक्षण पाए अधिकारी और कर्मचारी फिर अपने संबंधित जिलों में जाकर कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे।

संभावना है कि बिहार में 7 जनवरी से शुरू होगी। पहले चरण में प्रदेश के सभी घरों की गिनती की जाएगी। दूसरे चरण में मार्च से शुरू होकर प्रगणक सभी जातियों और उपजातियों और धर्मों के लोगों से संबंधित गणना होगी।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में गणना पूर्ण होने का समय तीन महीने बढ़ाकर अगले साल मई तक पूरे होने का प्रस्ताव पास कर चुकी है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि जातीय गणना शुरू होने के पहले सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए, जिससे सभी दल जान सके कि गणना कैसे की जा रही है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जानकारी मिली कि 7 जनवरी से जातीय गणना शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि गणना शुरू करने के पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी दलों की स्वीकृति के बाद गणना कराने का निर्णय भी हुआ था।

उन्होंने कहा कि सभी दलों को यह जानने का हक है कि गणना कैसे होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के दो प्रश्न हैं कि गणना में रोहिंगियों और बांग्लादेशियों को कैसे अलग रखा जायेगा और अगड़ी जातियों को जो पिछड़ी जाति में रखा गया उसका क्या होगा, यह जानने का हक राज्य की जनता को भी है।