सनातन धर्म में रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित माना गया है. भक्त आज प्रातः सूर्य उदय के पश्चात् सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे और तन और मन के स्वस्थ रहने की प्रार्थना करेंगे.

कुछ श्रद्धालुओं ने आज सूर्यदेव को खुश करने के लिए व्रत भी रखा है. व्रती सूर्यदेव की पूजा अर्चना के पश्चात् सूर्यदेव के दुर्लभ मंत्र का पाठ करेंगे.

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, सूर्यदेव की आराधना से मानसिक बल एवं जीवन शक्ति बढ़ती है. सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है. यह इंसान के जीवन में मान-सम्मान, पिता-पुत्र और कामयाबी का कारक माना गया है. कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन व्रत करना अच्छा माना जाता है. इससे जातक के मान सम्मान में बढ़ोतरी हाती है. कार्यों में भी सफलता प्राप्त होती है. यह मंत्र राष्ट्रवर्द्धन' सूक्त से लिया गया और इसका जप करने से खास फल की प्राप्ति होती है. यहाँ देंखे सूर्यदेव के दुर्लभ मंत्र:-

सूर्यदेव का दुर्लभ मंत्र:
उदसौ सूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:।
यथाहं शत्रुहोऽसान्यसपत्न: सपत्नहा।।
सपत्नक्षयणो वृषाभिराष्ट्रो विष सहि:।
यथाहभेषां वीराणां विराजानि जनस्य च।।