भोपाल । इस बार आयकर विभाग को अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए सर्वे और छापे की कार्रवाई को बढ़ाना पड़ रहा है। वहीं अभी जो केन्द्रीय बजट में आयकरदाताओं को कई रियायत और सुविधाएं देने का जो दावा किया गया है उसके तहत इस बार आयकर रिटर्न फार्म को जल्दी नोटिफाइड कर दिया है। आईटीआर फार्म में कुछ नए प्रावधानों को भी जोड़ा गया है, वहीं रिटर्न भरने की अंतिम तिथि फिलहाल 31 जुलाई ही तय की गई है। आयकर निगरानी भी बढ़ाई गई है, जिसके तहत कई नई जानकारी रिटर्न फार्म में मांगी गई है। किसी ट्रस्ट को दिए दान या राजनीतिक दल को चुनावी चंदा दिया है तो उसकी भी जानकारी रिटर्न में दर्शाई जाना पड़ेगी। एक दर्जन से अधिक ऐसे कई प्रावधान किए गए हैं।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस बार आयकरदाताओं के लिए भरे जाने वाले आईटीआर फार्म को जल्दी नोटिफाइड कर दिया, जिसमें कई प्रमुख बदलाव भी किए गए हैं। बावजूद इसके अधिकांश करदाता अंतिम तिथि के आसपास ही रिटर्न जमा करते हैं, जिसके चलते सर्वर भी ठप हो जाता है। 1 अप्रैल से रिटर्न भरने की शुरुआत होगी, जो 31 जुलाई तक चलेगी, जिसमें शेयर बाजार में ट्रेडिंग, उससे हुए मुनाफे के साथ ही किसी ट्रस्ट को अगर दान दिया है तो धारा 80 जी की छूट ली है तो यूनिक नंबर डालना पड़ेगा। इसी तरह क्रिप्टो में अगर निवेश किया है तो उससे हुआ फायदा या नुकसान भी रिटर्न में उल्लेखित होगा। पाटर्नरशिप फर्म में नए जोड़े या रिटायर हुए पार्टनर की जानकारी, एडवांस अगर किसी से लिया है, वहीं गुप्त दान अगर किया है, उससे लेकर किसी राजनीतिक दल को दिए चंदे का खुलासा भी रिटर्न फार्म में होगा। विदेशी बाजारों या संस्थागत निवेशकों के साथ पूंजी लगाने वालों का खुलासा भी आईटीआर में बताना होगा और जिन आयकरदाताओं ने पहले नया रिजीम अपनाया है, उसकी भी जानकारी इस नए फार्म के साथ देना होगी। उल्लेखनीय है कि अभी केन्द्र सरकार ने अपने 2023 के बजट में यह दावा किया कि आईटीआर फार्म को और अधिक सरल किया गया है, जिसके चलते जो भी बदलाव किए गए हैं उसका खुलासा इस बार समय से पहले कर दिया है, ताकि आयकरदाताओं को पर्याप्त समय रिटर्न जमा करने के लिए मिल सके।