इस वर्ष ज्येष्ठ माह की शुरुआत 24 मई 2024 से हो चुकी है. ज्येष्ठ के महीने में आने वाले सभी मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है. इस दौरान हनुमान जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करना बहुत शुभ और फलदाई माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार पर बजरंगबली की पूजा करते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो उनके सभी काम पूरे होने लगते हैं और उन्हें हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलने लगती है. 

क्यों कहते हैं बड़ा या बुढ़वा मंगल?
हिंदू पंचांग के अनुसार पहला बड़ा मंगल 28 मई को पड़ रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ का तात्पर्य बड़े से है और ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले हर मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है.

पूजा सामग्री
बड़ा मंगल पर हनुमान जी की पूजा करने के लिए सबसे पहले हनुमान जी की प्रतिमा की आवश्यकता होती है. इसके अलावा दूध, घी, शहद, लाल रंग का कपड़ा, गंगाजल, चरण पादुका, धूप, दीप, माला, चंदन, अगरबत्ती, पान का पत्ता, सिंदूर, मिठाई, कपूर और सुपारी लें.

इस विधि से करें पूजा
ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि निवृत हो जाएं और हनुमान जी की प्रतिमा को एक लाल रंग के साफ कपड़े पर विराजमान करें. इसके बाद गंगाजल, दूध, दही, शहद और चंदन से स्नान कराएं. अब हनुमान जी को सिंदूर लगाएं.
हनुमान जी की पूजा अगर पुरुष कर रहे हैं तो पूरे शरीर में सिंदूर लगाएं और स्त्री कर रही है तो सिर्फ चरणों में लगाएं.

इसके बाद हनुमान जी को लाल वस्त्र पहनाकर फल, फूल, मिठाई, पान का पत्ता अर्पित करें और माला पहनाकर चरण पादुका पहनाएं.

अब हनुमान जी के समक्ष घी का चौमुखी दीपक जलाकर धूप या अगरबत्ती जलाएं और इसे पीपल के पेड़ के पास रख आएं. अब हनुमान जी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं.
अंत में हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें. हनुमान चालीसा का पाठ करें और आरती करने के बाद हनुमान जी के समक्ष लगे भोग को परिवार के लोगों में प्रसाद के रूप में वितरित करें.