भोपाल : राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों का आहवान किया कि वे माता-पिता एवं मातृ-भूमि को सदैव याद रखें। जो प्रतिज्ञा एवं संकल्प लिये हैं, उन्हें हमेशा अपने जीवन में याद रखें और अमल में लायें। अपने कार्यों से विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें और विश्वविद्यालय की पहचान बने। उन्होंने दीक्षान्त समारोह नववर्ष विक्रम संवत की शुरूआत के दिन सम्पन्न होने को गौरव का विषय बताया है।

राज्यपाल श्री पटेल विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के 26वें दीक्षान्त समारोह में दीक्षार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि वह जीवन में जहाँ भी रहे अपने सामर्थ्य के अनुसार हमेशा वंचित लोगों को सहयोग करें। वंचित लोगों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में हरसंभव मदद करें। शिक्षा ही ऐसा मार्ग है, जिससे हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। शिक्षा ही समाज के सम्पूर्ण विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है। हमारे ऋषि-मुनियों ने भी शिक्षा को महत्वपूर्ण माना है। इतिहास में चाणक्य जैसे गुरू ने चंद्रगुप्त जैसे शिष्य को शिक्षा देकर महान सम्राट बनाया। विक्रम विश्वविद्यालय में भी ऐसे ही शिक्षक मौजूद हैं, जो विद्यार्थी को उन्नति के चरम तक पहुँचा सकते हैं। विक्रम विश्वविद्यालय का माहौल ऐसा बनाया जाये कि यहाँ का हर विद्यार्थी हर चुनौती का सामना करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़े और विश्वविद्यालय का नाम विश्व में रोशन हो। उन्होंने कहा कि जीवन के लक्ष्य निर्धारित करें और लक्ष्य के लिये सतत प्रयत्नशील रहने पर सफलता जरूर मिलती है। राज्यपाल श्री पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शिक्षा एवं समाज के विकास के लिये किये जा रहे कार्यों के बारे में बताते हुए दीक्षार्थियों को उन्हें आगे बढ़ाने के लिये संकल्प लेने को कहा।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय को राज्यपाल एवं कुलाधिपति के मार्गदर्शन में नई ऊँचाईयाँ मिली हैं। इसके लिये उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपना विकास कर समाज का हर क्षेत्र में उन्नति का पथ प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रारम्भ की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्राचीन परम्परा तथा सांस्कृतिक आदर्शों और व्यक्ति सृजनात्क क्षमताओं का सर्वांगीण विकास अवसर दिया है।

सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने कहा कि दीक्षान्त प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आपकी मंजिल नहीं है। अभी आगे कई लक्ष्य और मंजिलें प्राप्त करनी हैं। कुलाधिपति द्वारा दिलाये गये संकल्पों को अमल में लाते हुए समाज में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने सभी दीक्षार्थियों को भविष्य के लिये शुभकामनाएँ दी।

नोबल शान्ति पुरस्कार प्राप्त समाज सेवक श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि आज सभी शोधार्थियों के लिये विशेष दिन है। इस विशेष दिन आपको नये संकल्पों, नये सपनों के लिये शपथ दिलाई गई है। आपको सदाचरण की शपथ दिलाई गई है, उसे हमेशा याद रखें और सदाचरण करते हुए समाज में रहें। समारोह से जाने के बाद अपने ज्ञान और ऊर्जा का उपयोग राष्ट्र के निर्माण में करें।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं अतिथियों की समारोह के प्रारम्भ में विद्यार्थियों द्वारा मालवांचल के पारम्परिक नृत्य द्वारा अगवानी की गई। अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में महाराजा विक्रमादित्य के मूर्ति शिल्प पर पुष्प अर्पित किये। कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय, ने सभी का स्वागत किया। राज्यपाल सहित सभी अतिथियों का विश्वविद्यालय के कार्य-परिषद सदस्यों ने पुष्प-गुच्छ, तुलसी का पौधा, शाल, प्रतीक चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। तत्पश्चात विश्वविद्यालय से सभी संकाय के गोल्ड मेडल, डीलिट, पीएचडी की उपाधि प्राप्त शोधार्थियों को अतिथियों द्वारा मंच से उपाधि एवं मेडल प्रदान किये गये।