साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि वह अडानी समूह की संचालन व्यवस्था और वित्त पोषण के बारे में अतिरिक्त सूचना का इंतजार कर रही है. कंपनी ने संकट में फंसे समूह की दो कंपनियों के रेटिंग परिदृश्य को संशोधित करने के कुछ सप्ताह बाद यह बात कही है. एसएंडपी ने कहा कि उसे जनवरी के अंत में प्रकाशित अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में समूह के खिलाफ आरोपों का कर्ज पर पड़े प्रभाव और हाल ही में उच्चतम न्यायालय की तरफ से जांच के निष्कर्षों का इंतजार है.

अडानी ग्रुप

रेटिंग एजेंसी ने बार-बार पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) की तरह ‘अडानी समूह: ज्ञात अज्ञात’ शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित की है. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के साख विश्लेषक अभिषेक डांगरा ने कहा, ‘‘बाजार की अन्य इकाइयों की तरह हम अपनी रेटिंग तय करने से पहले अडानी समूह के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हमारा मानना है कि अगले 12 से 24 महीनों में संचालन व्यवस्था और वित्तपोषण जोखिम के बारे में अधिक जानकारी से रेटिंग को दिशा मिलेगी.’’

अडानी

उल्लेखनीय है कि एजेंसी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद पिछले महीने अडानी पोर्ट्स और अडानी इलेक्ट्रिसिटी के परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक कर दिया था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में समूह की कंपनियों के कामकाज में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है. हालांकि, अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार किया है. एसएंडपी ने कहा कि साख में कमी का जोखिम न केवल वित्तपोषण तक सीमित पहुंच पर निर्भर करेगा बल्कि समूह की कंपनियों में संचालन व्यवस्था की गुणवत्ता से भी तय होगा.

रेटिंग एजेंसी

एजेंसी ने कहा कि अगर जांच में गड़बड़ी की बात सामने आती है, उससे रेटिंग नकारात्मक हो सकती है. इसमें पूर्व में घोषित नहीं की गई जानकारी, नकदी की हेराफेरी या गलत जानकारी शामिल है. उसने कहा, ‘‘इसके उलट, हमें लगता है कि समूह में संचालन व्यवस्था और वित्त पहुंच की स्थिति सुधरेगी, परिदृश्य को स्थिर श्रेणी में किया जाएगा.’’ एसएंडपी ने अगले कदम के बारे में कहा, ‘‘इसमें महत्वपूर्ण अडानी समूह में संचालन व्यवस्था और वित्तपोषण को लेकर अतिरिक्त जानकारी है.’’