कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सूरत कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें एक और झटका लगा। सूरत कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि, उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई, लेकिन इस मामले को लेकर लोकसभा सचिवालय द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी कर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। राहुल गांधी अब 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। 

आपको बता दें कि सूरत की स्थानीय कोर्ट ने 4 साल पुराने आपराधिक मानहानि के मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी, साथ ही राहुल गांधी पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि सूरत की स्थानीय कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया है।

इस मामले में राहुल गांधी के पास सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 1 महीने का समय है। हाईकोर्ट में यदि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी जाती है तो उसी परिस्थिति में राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो सकती है।

इस मामले ने बढ़ा दी राहुल गांधी की मुसीबत
साल 2019 का चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने 'मोदी सरनेम' को लेकर कहा थाा कि नीरव मोदी, ललित मोदी और अन्य का नाम लेते हुए कहा था, "कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?" राहुल गांधी के इस बयान पर मोदी समाज को लोगों ने आपत्ति जताई थी और कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था। राहुल के इस बयान को लेकर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।

आखिरकार कोर्ट के इस फैसले ने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता पर संकट खड़ा कर दिया। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधान और सुप्रीम कोर्ट के दिए पुराने फैसलों के आधार पर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है।