माधोपुर में दस वर्षीय बालिका की हत्या के मामले में पुलिस ने नामजद आरोपी के अलावा पीड़ित परिवार के चार लोगों को हिरासत में लिया है। घायलावस्था में बच्ची को सबसे पहले देखने वाले उसके चाचा को लेकर पुलिस घटनास्थल पर गई। वहां उससे काफी देर पूछताछ की। पुलिस कई बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है। बालिका के पिता की तहरीर पर पुलिस ने शनिवार को नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। उससे पूरे दिन पूछताछ करने के बाद पुलिस के शक की सुई बालिका के परिवार की ओर ही घूम गई। इसी के चलते पुलिस ने देर शाम बालिका के परिवार के चार लोगों को हिरासत में ले लिया। रविवार को सुबह बालिका की प्रेम विवाह करने वाली चाची के भाई को भी पुलिस थाने ले गई।काफी देर तक पूछताछ करने के बाद उसे छोड़ दिया गया। पुलिस को पूरी आशंका है कि घटना को अंजाम देने वाला कोई अपना ही है। सूत्रों के मुताबिक एक खून से सनी पैंट भी पुलिस ने बरामद की है।

बच्ची के परिवार वालों ने जिस पड़ोसी को नामजद किया है, उससे दो साल पहले पानी निकास को लेकर विवाद हो गया था। उस समय शिकायत पुलिस से की गई, तो उसने सुनवाई नहीं की। बाद में पड़ोसी ने बच्ची के दो चाचा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।चार माह पहले बच्ची के पिता की ओर से भी पड़ोसी समेत तीन लोगों के खिलाफ दुष्कर्म की तहरीर पुलिस को दी गई थी, जिसमें अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पड़ोसी कई साल पहले ही गांव में आकर बसा है। उसका पत्नी के अलावा कोई और रिश्तेदार गांव में नहीं है। पड़ोसी और पीड़ित परिवार की बिरादरी अलग-अलग है।
 
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बच्ची के पेट पर चाकू से और उसके सिर पर किसी भारी वस्तु से प्रहार किया गया, या फिर जमीन पर पटकने से उसके सिर में गंभीर चोट आई।सिर में चोट लगने और अधिक खून बहने से बालिका की मौत हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार शव पर पेट कट का एक ही निशान है, जबकि दूसरा निशान सिर में चोट लगने का है।बच्ची के चाचा ने गांव निवासी एक ग्रामीण की पुत्री से प्रेम विवाह किया था। हत्या के बाद चर्चा थी कि उसके ससुराल वालों ने बदला लेने के लिए मासूम की हत्या की। जब बच्ची के परिवार वालों ने पड़ोसी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई तो मामला उलझ गया। हत्या में नामजद और बच्ची के चाचा के ससुराल वाले न तो परिवार के हैं और न ही रिश्तेदार। यह खुलासा प्रेम विवाह करने वाली युवती के पिता ने किया।