पीएम नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन पश्चात ‎किया ट्वीट


नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है ‎कि नए संसद भवन से राष्ट्र की समृ‎द्धि और सामर्थ्य को नई ग‎ति और श‎‎क्ति ‎मिलेगी। उन्होंने नई संसद देश को समर्पित करने के बाद किए ट्वीट में लिखा, ‘आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार 28 मई, 2023 को सुबह-सुबह हवन पूजन के साथ नए संसद भवन का औपचारिक उद्घाटन किया गया, जिसके बाद सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन हुआ। प्रधानमंत्री मोदी सुबह 7.30 बजे नए संसद भवन पहुंचे। वह पारम्परिक परिधान धोती-कुर्ता और अंगवस्त्र धारण किए हुए थे। द्वार संख्या-एक से संसद परिसर के भीतर आए और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका स्वागत किया। इसके तुरंत बाद, वह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला पूजा के लिए बैठे। उद्घाटन समारोह के दौरान, पीएम मोदी ने नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ स्थापित किया और तमिलनाडु के विभिन्न अधिनामों के संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। अनुष्ठान के दौरान पीएम मोदी ‘सेंगोल’ के सम्मान में दंडवत हो गए।
इस दौरान पीएम मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ कर्मचारियों को भी सम्मानित किया। इसके बाद कई धर्मों के प्रतिनिधियों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। सर्वधर्म सभा में बौद्ध, जैन, पारसी, हिंदू, सिख, ईसाई, इस्लाम समेत कई धर्मों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी प्रार्थनाएं कीं। गौरतलब है ‎कि पुराना संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था और अब यह 96 साल पुराना है। वर्षों से यह वर्तमान समय की आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त पाया गया था। हालां‎कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के दौरान भी तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने नए संसद भवन की आवश्यकता पर बल दिया था और तबकी सरकार से इस दिशा में कदम उठाने का अनुरोध किया था।
गौरतलब है ‎कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा कक्ष में 1,280 सांसदों को समायोजित किया जा सकता है। नए भवन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री देश के अलग-अलग ‎‎हिस्सों से मंगाई गई है। सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से, लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से, कालीन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और भदोही से आए हैं। त्रिपुरा के बांस से नई संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा कक्ष के फर्श बने हैं, और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी के साथ, नया संसद भवन भारत की विविध संस्कृति को एक साथ प्रस्तुत करता है।