कोलकाता । छवि सुधारने की कोशिश के तहत तृणमूल कांग्रेस अगले साल बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव में ‘दागी’ नेताओं, भ्रष्टाचार के आरोपों या जनता में खराब छवि वाले प्रत्याशियों को टिकट देने से इनकार कर सकती है। तृणमूल कांग्रेस ने दो वरिष्ठ नेताओं पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और बीरभूम जिले के पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की क्रमश: शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले और मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तारी के बार वृहद पैमाने पर परिशोधन अभियान चलाया है। पार्टी ने 3 आंतरिक सर्वेक्षण कराए हैं, जिनमें से एक आइ-पीएसी के प्रशांत किशोर से पिछले महीने कराया गया है। सर्वेक्षण में निर्वाचित प्रतिनिधियों और सभी स्तर के नेताओं की कार्यप्रणाली और व्यवहार का आकलन किया गया है।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा कि कई सर्वेक्षण किए गए हैं और विस्तृत रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपी जा रही है। सड़े हुए हिस्सों को बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है। परिशोधन प्रकिया अगले साल पंचायत चुनावों के लिए टिकट बंटवारे के दौरान अपने चरम पर होगी। 50 से 60 प्रतिशत से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों को दोबारा टिकट देने से मना किया जा सकता है। राय की राय से सहमति जताते हुए तृणमूल के बंगाल प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि आमूल परिवर्तन की प्रक्रिया अगस्त में तब शुरू हुई जब कई जिलों के पार्टी अध्यक्षों को बदला गया। उन्होंने कहा कि पिछले महीने संगठन में सभी स्तरों पर आमूल-चूल परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की गई जो इस साल के नवंबर तक पूरी होगी। जब मीडिया शिक्षक भर्ती घोटाले एवं मवेशी तस्करी के मामले में व्यस्त है तब हमारी पार्टी शांति से छवि बदलने के लिए बड़े बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रही है।
उन्होंने कहा पार्टी की सभी जिला इकाइयों, मजदूर इकाई आइएनटीटीयूसी और छात्र इकाई तृणमूल छात्र परिषद में सभी स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। मजूमदार ने कहा कि संगठन में सभी स्तरों पर बदलाव हो रहे हैं। हम स्वयं अपना कायाकल्प और परिवर्तन कर रहे हैं और हम ऐसा करेंगे। गौरतलब है कि अगस्त के कोलकाता के विभिन्न हिस्सो में पोस्टर लगाए गए थे जिनमें दावा किया गया नई और बदलाव वाली तृणमूल कांग्रेस छह महीनों में आएगी। इन पोस्टर में केवल पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी की तस्वीर थी। हालांकि पोस्टर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर नहीं होने को लेकर सवाल उठे थे। परंतु अभिषेक बनर्जी ने सभी कयासों को खारिज करते हुए कहा था कि ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की एकमात्र चेहरा हैं। नई तृणमूल कांग्रेस का अभिप्राय है कि पार्टी लोगों के साथ खड़ी होगी और उनके काम करेगी एवं लड़ेगी जिसके आधार पर वह वर्ष 2011 में सत्ता में आई थी।