भितरवार ।   भितरवार अनुभाग की कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां 108 एंबुलेंस या गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने के लिए चलाई जा रही जननी एक्सप्रेस योजना की एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती, जिसके कारण ग्रामीणों को उक्त योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। तो वहीं मरीज हो या गर्भवती महिला उसको गांव की बदहाल सड़क से ग्रामीण जन अपने कांधों पर खटिया रखकर इलाज के लिए लाने के लिए मजबूर हैं। ऐसा ही नजारा भितरवार अनुभाग की ग्राम पंचायत रही स्थित आदिवासी कॉलोनी के चार दशक से पड़े बदहाल रास्ते को लेकर प्रकाश में आया है। जहां एक 50 वर्षीय अधेड़ की तबीयत ज्यादा खराब हो गई जब सूचना देने के बाद भी गांव के अंदर 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची तो ग्रामीण जन उसे कांधों पर खटिया रखकर 4 किलोमीटर तक पैदल लेकर आए तब उसको एम्बुलेंस मे रखकर उपचार के लिए ग्वालियर ले गए।

अनुभाग की ग्राम पंचायत रही की पद हाल सड़क का हाल इतना बुरा है कि गांव में निवासरत लोगों का जीवन नरक में निवास करने जैसा बना हुआ है। गांव की 4 किलोमीटर लंबी सड़क पर कोई निर्माण नहीं हुआ है, जिसके कारण सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि गांव में अगर किसी का स्वास्थ्य खराब हो जाए या किसी गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हो तब सड़क के अभाव में स्थिति और भी खराब हो जाती है। गांव के 50 वर्षीय अधेड़ जस्सू आदिवासी की ज्यादा तबीयत खराब होने के कारण परिवार जनों द्वारा जब सरकार द्वारा मरीजों की सुविधा के लिए चलाई जा रही 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया तो मरीज को लेने के लिए एंबुलेंस तो पहुंची, लेकिन गांव से 4 किलोमीटर पहले ही सड़क की हालत से वाकिफ चालक ने गांव में जाने से मना कर दिया। जिसके बाद मजबूरी में ग्रामीण अधेड़ को खटिया के जरिए एंबुलेंस तक लेकर पहुंचे।