नई दिल्ली । मेघालय में नई सरकार बनाने की राह नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के लिए आसान नहीं नजर आ रही है। एक क्षेत्रीय पार्टी के दो विधायकों ने कोनराड संगमा को अपना समर्थन दिया था, लेकिन शुक्रवार देर शाम वापस ले लिया। आपको बता दें कि संगमा ने शुक्रवार को 32 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा और अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था। मेघालय में बहुमत का आंकड़ा 31 है। अभी तक शपथ ग्रहण समारोह 7 मार्च को होने की उम्मीद थी। गवर्नर को सौंपे गए पत्र में एनपीपी के 26, भाजपा के दो, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के दो और दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर हैं।  सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद संगमा ने कहा कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है। बीजेपी पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है। कुछ अन्य लोगों ने भी अपना समर्थन दिया है, लेकिन देर शाम मेघालय की राजनीति में एक नया मोड़ आया। एचएसपीडीपी ने एक पत्र जारी किया और दावा किया कि उसने पार्टी विधायकों को एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार के गठन का समर्थन करने के लिए अधिकृत नहीं किया था। 
एचएसपीडीपी के अध्यक्ष केपी पांगनियांग और सचिव पनबोरलंग रिनथियांग ने कोनराड को लिखे एक पत्र में कहा कि एचएसपीडीपी ने आपकी सरकार के गठन के लिए समर्थन देने के लिए दो विधायकों मेथोडियस डखार और शाक्लियर वारजरी को अधिकृत नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा कि एचएसपीडीपी की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और इसलिए आपकी पार्टी से अपना समर्थन वापस लेती है।
एचएसपीडीपी के पत्र पर एनपीपी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि ये मामूली अड़चनें थीं और सरकार बनाने के लिए जरूर नंबर उसके पास हैं। इससे पहले शुक्रवार को यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एचएसपीडीपी, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और वॉयस ऑफ पीपल पार्टी (वीपीपी) के नवनिर्वाचित विधायकों और नेताओं ने संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए शुक्रवार को शिलांग में एक बैठक की। उन्होंने संकल्प लिया कि एनपीपी को सत्ता में लौटने से रोकेंगे। 
टीएमसी नेता मुकुल संगमा ने कहा कि एचएसपीडीपी के दो विधायक शुरू में बैठक में मौजूद थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे छोड़ दिया। बैठक यूडीपी नेता लहकमेन रिंबुई के आवास पर हुई थी, जो पिछली एनपीपी की अगुवाई वाली सरकार में गृह मंत्री थे। यूडीपी के पास 11 विधायक हैं, कांग्रेस और टीएमसी के पांच-पांच, वीपीपी के 4, एचएसपीडीपी के 2 और पीडीएफ 2 के विधायक हैं। इनके पास बहुमत से दो कम विधायक हैं।