पीएम मोदी ने मन की बात में खिलौने से लेकर यूपीआई तक का जिक्र किया


नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में मन की बात कही। इस 98वें एपिसोड के जरिए उन्होंने खिलौने से लेकर यूपीआई तक का जिक्र किया। उन्होंने भारतीय यूपीआई की ताकत का बखान करते हुए बताया कि दुनिया के कई देश इससे आकर्षित हुए हैं। कुछ दिन पहले ही भारत और सिंगापुर के बीच यूपीआई पे नाउ लिंक लॉन्च किया गया। उन्होंने कहा कि तेजी से आगे बढ़ते हमारे देश में डिजिटल इंडिया की ताकत कोने-कोने में दिख रही है। डिजिटल इंडिया की शक्ति को घर-घर पहुंचाने में अलग-अलग एप्स की भूमिका होती है। ऐसा ही एक ऐप ई-संजीवनी भी है।

पेरिनी नाट्यम नृत्य व कलाकारों को लेकर की बात
पीएम मोदी ने कहा कि पुरस्कार के एक और विजेता राज कुमार नायक ने तेलंगाना के 31 जिलों में 101 दिन तक चलने वाली पेरिनी ओडिसी का आयोजन किया। पेरिनी नाट्यम भगवान शिव को समर्पित एक नृत्य है। बहन उप्पलपू नागमणि जी का प्रयास भी बहुत ही प्रेरक है, जिन्हें मंडॉलिन में कारनेटिक इंस्ट्रूमेंटल के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। जॉयदीप जी भी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित युवाओं में शामिल हैं। जॉयदीप सुर सिंगार को फिर से लोकप्रिय बनाने में जुटे हैं। कुछ दिन पहले उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार दिए गए। ये पुरस्कार संगीत और परफार्मिंग कला के क्षेत्र में उभर रहे प्रतिभाशाली कलाकारों को दिए जाते हैं। 

कहानी से लेकर खेल-खिलौनों को मिला बढ़ावा
पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात में जब भारतीय खिलौनों की बात हुई तो देश के लोगों ने इसे भी हाथों हाथ बढ़ावा दिया। जब मन की बात की बात में हमने कहानी सुनाने की भारतीय विधाओं पर बात की तो इनकी प्रसिद्धि भी दूर-दूर तक पहुंच गई। मुझे वो दिन याद है, जब हमने मन की बात में भारत के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन की बात की थी। उस समय देश में एक लहर सी उठ गई भारतीय खेलों में जुड़ने की, इनमें रमने की, सीखने की।

700 साल बाद पुनर्जीवित हुआ ‘त्रिबेनी कुम्भो मोहोत्शौव’ 
इस महीने पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के बांसबेरिया में ‘त्रिबेनी कुम्भो मोहोत्शौव’ का आयोजन किया गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह इतना विशेष क्यों है?  विशेष इसलिए, क्योंकि इस प्रथा को 700 साल के बाद पुनर्जीवित किया गया है। स्वच्छ भारत अभियान ने हमारे देश में जनभागीदारी के मायने ही बदल दिए हैं। हम अगर ठान लें तो स्वच्छ भारत अभियान में अपना बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण आयाम वेस्ट टू वेल्थ भी है।