देवभूमि उत्तराखंड को पवित्र भूमि माना गया है. राजधानी देहरादून में भी कई प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर हैं. देहरादून के हनुमान चौक पर ब्रिटिशकाल में बनवाया गया एक हनुमान मंदिर है. 1890 में इसका निर्माण कराया गया. यहां हर मंगलवार को पवनपुत्र के भक्तों की भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. मंदिर के पुजारी उपेंद्र गौड़ ने कहा कि यह देहरादून का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है.पहले यहां हनुमान जी की एक कच्ची मूर्ति हुआ करती थी. बाद में हनुमान जी की एक सुंदर सी प्रतिमा तैयार कराई गई. इस मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, जिन्हें लेकर लोग बजरंगबली की शरण में आते हैं. देहरादून के अलग-अलग इलाकों से भक्त यहां मंगलवार के दिन जरूर आते हैं.

मंदिर पहुंचे बजरंगबली के भक्त पंकज शर्मा ने कहा कि वह कई साल पहले देहरादून में शिफ्ट हो गए थे, तब से ही इस मंदिर में आते हैं. यहां आकर वह हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते हैं. उन्होंने संघर्ष के दिन देखे हैं, जिनमें उन्हें प्रभु श्रीराम और हनुमान जी ने ही संभाला था. उन्होंने कहा कि वह बिल्कुल मायूस हो गए थे और कॉन्फिडेंस एकदम खत्म हो गया था. यहां आने के बाद धीरे-धीरे उनके अंदर एक शक्ति पैदा हुई और वह सामान्य हुए.देहरादून के विजय पार्क निवासी एक भक्त कहते हैं कि वह पहले इस मंदिर में कभी-कभी आते थे, लेकिन फिर लगातार आने लगे. हनुमान ज्ञान गुण सागर हैं और उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लगता है. वह एक ज्योतिषी हैं और उन्हें यहां ज्योतिषीय ज्ञान की प्राप्ति महसूस हुई है. बजरंगबली के भक्त बीएस नेगी ने कहा कि वह बचपन से इस मंदिर में आ रहे हैं. हनुमान जी अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं. वह जब भी परेशानी में होते हैं, तब बाबा ही उन्हें मुसीबत से बाहर निकालते हैं.

कैसे पहुंचे हनुमान मंदिर?

वैसे तो राजधानी देहरादून में बजरंगबली के कई मंदिर हैं, लेकिन हनुमान चौक स्थित मंदिर सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. यहां पहुंचने के लिए आप सबसे पहले देहरादून के आईएसबीटी पर पहुंचे और वहां से आप मुख्य बाजार होते हुए हनुमान चौक पहुंच सकते हैं, जहां यह प्राचीन मंदिर स्थित है.