नई दिल्ली।जी इंटरटेनमेंट का शेयर बीते कुछ दिनों से काफी चर्चा में हैं। जबसे जी इंटरटेनमेंट और सोनी का सफलतापूर्वक मर्जर नहीं हो पाया तब से ही कंपनी चर्चा में बनी हुई है।  एनएसई की ओर से कहा गया है कि ज़ी एंटरटेनमेंट के लिए नए एक्सपायरी महीनों के कॉन्ट्रैक्ट मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट महीनों की एक्सपायरी पर जारी नहीं किए जाएंगे। ज़ी को सेबी सर्कुलर के आधार एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट से बाहर रखा गया है। इसके तहत अब ज़ी के शेयर 28 जून 2024 से ट्रेड के लिए कोई कॉन्ट्रैक्ट मौजूद नहीं होगा। हालांकि अप्रैल, मई और जून 2024 में ज़ी के मौजूदा बिना खत्म हुए कॉन्ट्रैक्ट ट्रेड के लिए अवेलेबल होंगे।  नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने जी इंटरटेनमेंट के एफएंडओ सौदों पर रोक लगा दी है। एक्सचेंज ने कहा कि वह मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी के बाद कंपनी के लिए नए एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट जारी करना बंद कर देगा।
सोनी के मर्जर की खबरों के चलते बीते काफी समय से कंपनी के शेयर में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। कंपनी के शेयर में काफी गिरावट भी दर्ज की गई है। इस साल यानी 2024 की बात करें तो शेयर की कीमत में 48 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। पिछले 6 महीने में शेयर 42फीसदी से ज्यादा लुढ़का है।
नैशनल कंपनी लॉ अपील ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने सोमवार को कहा कि ज़ी-सोनी के विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर वह 17 मई को सुनवाई करेगा। ऐक्सिस फाइनैंस और आईडीबीआई ने विलय को एनसीएलएटी में चुनौती दी है। सुनवाई से पहले आईडीबीआई और ऐक्सिस फाइनैंस एनसीएलटी के फैसले का इंतजार करना चाहती हैं। उन्होंने अपील ट्रिब्यूनल से अनुरोध किया है कि एनसीएलटी के मुंबई पीठ में विलय को आगे बढ़ाने वाली ज़ी की याचिका पर फैसले तक इंतजार किया जाना चाहिए। एनसीएलटी के मुंबई पीठ में दाखिल याचिका लंबित है और इस पर 25 अप्रैल को सुनवाई हो सकती है। आईडीबीआई बैंक की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि एनसीएलटी में ज़ी की याचिका पर होने वाला फैसले का इस पर असर होगा क्योंकि यह विलय का भविष्य तय करेगा।