भोपाल । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के करीबी और कांग्रेस के पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने आखिरकार कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को एक चि_ी लिखते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और पार्टी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के साथ टीकमगढ़ जिला के प्रभार से इस्तीफा देने की बात की है। उन्होंने इस्तीफा देने की वजह पिछले साल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हुए बर्ताव से दुखी होने की बात बताई है। चौबे को कमलनाथ का करीबी माना जाता है। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, मैं 30 साल से कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहा हूं। लेकिन हाल ही में खुरई में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ जो बर्ताव हुआ, उससे मैं और खुरई के सभी कार्यकर्ता दुखी हैं। अत: मैं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, टीकमगढ़ जिला प्रभारी और कांग्रेस के सदस्य पद से इस्तीफा दे रहा हूं।

पार्टी में पूछ-परख नहीं
अरुणोदय चौबे ने कहा, कुछ महीने पहले कांग्रेस पार्टी का कार्यक्रम कर रहे थे। उसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बहुत ज्यादतियां हुई। इसका प्रदेश कांग्रेस पार्टी की तरफ से कोई विरोध नहीं किया गया और न कोई जांच कमेटी बनी। जबकि घटना में 15 लोगों को जेल जाना पड़ा था। इससे दुखी होकर मैंने पीसीसी चीफ कमलनाथ को इस्तीफा दिया। मैंने 30 से 32 साल कांग्रेस की सेवा की है। अपना खून पसीना बहाया है, इसके बाद यह सिला मिला है। इसलिए निर्णय लिया कि ऐसी पार्टी के साथ नहीं रहना।

भाजपा में जाने की अटकलें
खुरई से विधायक एवं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के एक मात्र विरोधी अरुणोदय चौबे के इस्तीफे के बाद से अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे अपने कई समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। यह भी बताया जा रहा है कि चौबे समेत कई कार्यकर्ताओं पर ढेरों एफआईआर होने के बावजूद कांग्रेस के सीनियर नेताओं का सपोर्ट उन्हें नहीं मिल पा रहा था, इससे वे काफी दुखी थे। मध्यप्रदेश विधानसभा के 2018 में हुए चुनाव में खुरई सीट से भाजपा के प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी अरुणोदय चौबे को हरा दिया था। भूपेंद्र सिंह को कुल 77423 मिले थे। जबकि अरुणोदय चौबे को 62183 वोट मिले थे।