भोपाल । चुनावी तैयारी में जुटी भाजपा ने समर्पण निधि के जरिए भी वोट पक्के करने पर काम कर रही है। इस बार सेठ, साहूकार और पार्टी नेताओं तक समर्पण निधि संग्रह सीमित नहीं रहेगा। जमीन कार्यकर्ता और आम लोगों के बीच भी पार्टी पहुंचकर पार्टी के लिए धन संग्रह करेगी। इसी वजह से समर्पण निधि की न्यूनतम राशि 100, 500 रुपए रखी गई है। संगठन ने राशि कम की है लेकिन लक्ष्य को बढ़ा कर दिया है। इस साल जिले से साढ़े सात करोड़ रुपये पार्टी जुटाने का प्रयास कर रही है। अगले 15 मार्च तक समर्पण निधि का काम बूथ स्तर पर किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि 11 फरवरी से भाजपा का समर्पण निधि कार्यक्रम प्रारंभ हुआ है। संगठन ने 150 करोड़ का लक्ष्य  निर्धारित किया है। संगठन के सूत्रों का कहना है कि पार्टी का उदेश्य धन संग्रह से ज्यादा ज्यादा संख्या में लोगों को पार्टी के समर्थन में दान लेना है क्योंकि माना जा रहा है कि दान देने वाला पार्टी को वोट भी देगा। इसी वजह से बीते सालों में जहां समर्पण निधि में एक हजार रुपए की बंदी रखी जाती थी पदाधिकारी भी कम काम करने के लिए बड़े दानदाताओं से संग्रह लेते थे। इस बार पार्टी ने इस प्रक्रिया में बदलाव किया है। बड़े दानदाताओं के अलावा जमीनी कार्यकर्ताओं को भी रसीद दी गई है। हर किसी को 100 रुपए की न्यूनतम रसीद कटवाना अनिवार्य किया गया है।
पार्टी से जोडऩा मुख्य उद्देश्य
पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि लक्ष्य किसी तरह का नहीं है लेकिन पार्टी का उदेश्य हर वर्ग और ज्यादा लोगों से समर्पण निधि लेकर उन्हें पार्टी से जोडऩा है। भाजपा का मानना है कि जो व्यक्ति पार्टी के लिए चंदा देगा वह संभव है कि वोट भी करेगा। बूथ स्तर पर यह अभियान है हर श्रेणी के लिए राशि तय है अधिक संख्या होने के कारण स्वाभाविक रूप से राशि बड़ी नजर आ रही है।