भोपाल । एक ओर सरकार स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के लिये पूरी तरह से गंभीर है और प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण ( मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम) के तहत लगातार खाद्यान्न और सामग्री का आवंटन जारी कर रही है। लेकिन विभागों की लापरवाही से यह सब विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। पिछले साल दिसंबर में मूंग की एडवांस राशि लेकर भी विद्यार्थियों को मूंग नहीं देने का मार्कफेड का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है कि अब नागरिक आपूर्ति निगम का गड़बड़झाला सामने आ गया है।स्थिति यह है कि मार्च का महीना समाप्त होकर आधा अप्रैल होने को है लेकिन अभी तक प्रदेश के किसी भी जिले की किसी भी स्कूल में मार्च माह का खाद्यान्न नहीं पहुंचा है। मामला सामने आने के बाद अब पीएम पोषण शक्ति निर्माण के राज्य समन्वयक ने नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक को खाद्यान्न शीघ्र पहुंचाने पत्र लिखा है।

नान के एमडी से जताई आपत्ति
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के राज्य समन्वयक आलोक कुमार सिंह ने नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक को मार्च माह के खाद्यान्न उठाव को लेकर आपत्ति जताई है। कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पीएम पोषण के खाद्यान्न का वितरण जनवरी महीने से बायोमैट्रिक आधार पर कराया जा रहा है। मार्च का महीना समाप्त हो गया है। लेकिन परिषद स्तर से जारी कुल 12067 मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटन के विरुद्ध 1025 मीट्रिक टन खाद्यान्न ही उचित मूल्य दुकानों तक पहुंचाया जा सका है। इसका नतीजा यह है कि मैदानी स्तर पर पीएम पोषण के संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

तत्काल आपूर्ति के लिए कहा
राज्य समन्वयक पीएम पोषण ने एमडी नान को कहा है कि संबंधितों को तत्काल खाद्यान्न आपूर्ति करने के निर्देश दिए जाएं। ताकि विद्यार्थियों को नियमानुसार पीएम पोषण दिया जा सके।

1 लाख स्कूलों में नहीं पहुंचा खाद्यान्न
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के 52 जिलों में कुल 109519 विद्यालय संचालित हैं। लेकिन किसी भी विद्यालय में मार्च माह का खाद्यान्न अभी तक नहीं पहुंचा है। ऐसे में स्कूलों में एमडीएम वितरण व्यवस्था में संलग्न स्व सहायता समूहों के सामने बच्चों को भोजन देने की समस्या खड़ी हो गयी है।

यह है स्थिति
कुल विद्यालय - 109519
कुल बच्चे - 4266568
कुल खाद्यान्न आवंटन - 12067453 किलो
भेजा गया खाद्यान्न - 1916924 किलो
प्राप्त खाद्यान्न - 1025856 किलो
वितरित खाद्यान्न - शून्य