भोपाल । लाकडाउन के नाम पर लाखों को रुपए की छूट पाने के बावजूद नगर निगम के पार्किंग ठेकेदार एडवासं जमा नहीं कर रहे है। पार्किंग ठेकेदारों पर निगम का करीब दस करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है। हाल ही में विक्टोरिया कंपनी द्वारा एक करोड़ रुपये से अधिक पैसा नहीं चुकाने पर कोर्ट जाने की नौबत भी बन चुकी है। हालांकि इसको लेकर निगम के खिलाफ लोगों का विरोध भी जाहिर हो रहा है। निगम के ही तहबाजारी के ठेकेदार इन बड़े बकायादारों पर वसूली में सख्ती और पैसा ना चुकाने की स्थिति में निगम आयुक्त से शिकायत क चुके हैं। सीएम हेल्पलाइन में भी इसकी शिकायत की है। सूत्रों की माने तो ठेकेदार को लाकडाउन के नाम पर 91 दिन की छूट देकर लगभग 64 लाख रुपए नगर निगम ने माफ कर दिए। इसके अलावा कुछ पार्किंग स्थलों से कम आय होने के नाम पर भी 42 लाख रुपए की छूट दे दी गई । इतनी छूट मिलने पर भी कंपनी ने मौजूदा वित्त वर्ष के 30 लाख और अगले वित्त वर्ष के एडवांस के रूप में लगभग डेढ़ करोड़ यानी कुल 1.80 करोड़ रुपए जमा नहीं कराया। पार्किंग ठकेदार को इतनी अधिक छूट देने को लेकर निगम के तह बाजारी के ठेकेदार और अन्य लोगों ने आपत्ति ली है। नगर निगम में यही हाल शहर के अन्य पार्किंग स्थानों का होने की वजह से फ्री पार्किंग जोन घोषित करना पड़ा है।पार्किंग गतिविधियों में अव्यवस्था व भ्रष्टाचार की शिकायत समेत निगम में इसकी राशि नहीं जमा करने के मामले में बीते एक साल में एक दर्जन से अधिक ठेकेदारों को ब्लैकलिस्टेड किया जा चुका है। अधिकारियों से सांठ-गांठ की वजह से ब्लैक्लिस्टेड होने के बाद उन्हीं ठेकेदारों को फिर काम दिया जा रहा है। जबकि पार्किंग दर अधिक होने की वजह से नए ठेकेदार इसमे रुचि नहीं लेते हैं। ठेकेदारों द्वारा पार्किंग का पैसा नहीं जमा करने पर निगम ने इसे फ्री कर दिया है। लेकिन इसका फायदा जनता को नहीं मिल पा रहा है। यहां गाड़ी पार्क करने पर लोगों को पार्किंग शुल्क चुकाना पड़ रहा है। इसके बावजूद फ्री पार्किंग वाले स्पेस में अब तक निगम ने कोई बोर्ड नहीं लगाया, जिससे लोगों को पता चल सके कि कौन सी पार्किंग पेड और कौन सी फ्री। इसी असमंजस का फायदा उठाते हुए ठेकेदार ठेका निरस्त होने के बाद भी पार्किंग की अवैध वसूली कर रहे हैं। नगर निगम को फ्री  पार्किंग स्थलों पर बोर्ड लगाना चाहिए, ताकि आम लोगों को लूटने से बचाया जा सके।