जून में होगी अगली सुनवाई


भोपाल । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने आयकर विभाग के उस नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उन्हें आयकर अधिनियम की धारा 153-सी के तहत नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने आयकर विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई की अगली तारीख जून में लग सकती है।आयकर विभाग ने कर्नाटक के कांग्रेस के एमएलसी रहे गोविंद राजू के यहां 15 मार्च 2016 में छापामार कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के दौरान गोविंद राजू के बेडरूम में एक डायरी मिली थी। डायरी में उन लोगों के नाम लिखे थे, जिन्हें गोविंद राजू ने पैसा दिया था। डायरी में दिग्विजय सिंह से हुए लेनदेन की भी जानकारी थी। कर्नाटक के आयकर विभाग ने इसकी सूचना मध्य प्रदेश के आयकर विभाग को दी। इसे लेकर मप्र के आयकर विभाग ने दिग्विजय सिंह को धारा 148 के तहत नोटिस जारी कर गोविंद राजू के यहां लेनदेन की जानकारी मांगी। दिग्विजय सिंह ने धारा 148 के नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी। दिग्विजय सिंह के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि उन्हें धारा 148 के तहत नोटिस नहीं दिया जा सकता है। उन्हें धारा 153-सी के तहत नोटिस जारी किया जा सकता है। आयकर विभाग की ओर से पैरवी के लिए अधिवक्ता डीपीएस भदौरिया उपस्थित हुए। उनका कहना था कि दिग्विजय सिंह को दोनों धाराओं में नोटिस दिया जा सकता है। अब दिग्विजय सिंह को इस संबंध में जवाब देना है।


क्या है मामला
आयकर विभाग को मिली डायरी में दिग्विजय सिंह के नाम कुल 26 करोड़ रुपये का लेनदेन बताया गया है। यह रकम दो बार में दी गई। जब कर्नाटक के आयकर विभाग ने गोविंद राजू से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि पार्टी के काम से दिग्विजय सिंह को यह रकम दी गई है। इसी लेनदेन पर आयकर विभाग दिग्विजय सिंह से पूछताछ कर रहा है। यह रकम किस आधार पर ली गई, क्यों ली गई, इसे कहां खर्च किया गया। इस संबंध में आयकर विभाग जानकारी मांग रहा है। दिग्विजय सिंह ने आयकर विभाग की कार्रवाई को दो याचिका दायर कर चुनौती दी है।