भोपाल।   बिजली की बढ़ती मांग से निपटने के लिए राज्य सरकार अपने संयंत्रों को फुल लोड पर चलाना चाहती है, लेकिन उसके लिए पर्याप्त कोयला नहीं है। प्रदेश के बिजली संयंत्रों की उत्पादन क्षमता 54 सौ मेगावाट है। लंबे समय से कोयले की कमी के कारण पचास-साठ प्रतिशत उत्पादन ही हो रहा है। इस परेशानी को दूर करने के लिए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर कहा- कोयले की कमी दूर करने के लिए प्रतिदिन 12.5 रैक चाहिए। ऊर्जा मंत्री ने नई दिल्ली में केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भेंट की। ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि प्रदेश में ताप विद्युत गृहों की उत्पादन क्षमता 54 सौ मेगावाट है। इनके लिये 26 दिन के कोयले के भंडारण की आवश्यकता निर्धारित है। उन्होंने केन्द्रीय रेल मंत्री को बताया कि कोयला कम्पनियों के पास पर्याप्त कोयला उपलब्ध है, लेकिन परिवहन के लिये रेलवे रैकों की कमी के कारण पर्याप्त उठाव नहीं हो पा रहा है। मध्य प्रदेश में कोयले के परिवहन के लिये प्रतिदिन 12.5 रैक की आवश्यकता है, जबकि वर्तमान में केवल 8.6 रैक ही उपलब्ध हो रहे हैं। रैक की कमी के कारण प्रतिदिन 15 हजार 600 मीट्रिक टन कोयला कम प्राप्त हो रहा है। तोमर ने आग्रह किया है कि प्रदेश में निर्बाध गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लिये कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त कोयला उपलब्ध होने पर आगामी खरीफ सीजन में किसानों को माँग अनुसार बिजली उपलब्ध कराने में सहूलियत होगी।