भोपाल : राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया (हीमोग्लोबिनोपैथी) के मरीजों का दर्द पूरी संवेदना के साथ महसूस करें तथा इसकी रोकथाम एवं उपचार के सभी उपाय किए जाएँ। "लोग आपको दुआएं देंगे आप के प्रयास से जो स्वस्थ होंगे, उनके माता-पिता भी आपके ऋणी रहेंगे मैं राज्यपाल होकर आपसे प्रार्थना करता हूँ कि इस बीमारी के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना करें।"

राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल आज झाबुआ में हीमोग्लोबिनोपैथी रोकथाम एवं उपचार मिशन की झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले की संयुक्त समीक्षा बैठक ले रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा के झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जाएगा तथा आगामी 6 माह के अंदर पूरी गंभीरता के साथ इस बीमारी की रोकथाम एवं उपचार के प्रयास किए जाएँ। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक गर्भवती महिला एवं बच्चे की सिकलसेल की जाँच अनिवार्य रूप से कराई जाए। गर्भवती महिलाओं में सिकल सेल एनीमिया पाए जाने पर गर्भ में पल रहे बच्चों की भी जाँच की जाए।

राज्यपाल श्री पटेल ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग एवं आयुष विभाग के सामूहिक प्रयास से सिकल सेल एनीमिया बीमारी को जड़ से समाप्त किए जाने के संबंध में प्रयास किए जाएं। इस बीमारी के प्रति जागरूकता एवं सकारात्मक भाव होना आवश्यक है। बीमारी को छुपाया न जाए, जाँच करवाकर उपचार किया जाए

बैठक में सांसद श्री गुमान सिंह ने कहा कि जन-जन तक इस बीमारी के संबंध में जानकारी पहुँचाई जाए, जिससे मरीज अपना उपचार करा सकें। स्थानीय भाषा में इसका प्रचार-प्रसार किया जाए। विधायक श्री कांतिलाल भूरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में नागपुर से आए नेस्को संस्था के राष्ट्रीय सचिव श्री गौतम डोंगरे ने बताया कि उनकी 17 वर्षीय बेटी और 12 वर्षीय बेटा दोनों सिकलसेल बीमारी से पीड़ित हैं। यह बीमारी बहुत कष्टदायक है, इसकी त्वरित जाँच एवं उपचार होना चाहिए उनकी संस्था इसके लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में काम कर रही है। एक अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें विशेषज्ञ अपनी परामर्श देते हैं।

बैठक में राज्यपाल श्री पटेल ने राष्ट्रीय पोषण मिशन में सात आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन वितरित किए। राज्यपाल श्री पटेल ने कलेक्टर कार्यालय परिसर में तुलसी का पौधा भी लगाया।