पूर्व नपा अध्यक्ष वा पत्रकार पर साजिश कर  छात्रा से करवाया था मामला दर्ज 

सारंगपुर ।    सारंगपुर थाने में बीते 21 फ़रवरी को पूर्व नपा अध्यक्ष प्रतिनिधी  और उनके  पत्रकार भाई पर घर में घुसकर मारपीट के मामले में दर्ज SC/ST और मारपीट की FIR मामला इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने इसे पुरानी जमीनी मामले की रंजिश के चलते साजिश बताकर सारंगपुर थाने की FIR को रद्द किया है. पीड़ित भाइयो ने मामला दर्ज होने के बाद 482 में अपील की थी. दरअसल, सारंगपुर के पूर्व नपा अध्यक्ष  प्रतिनिधि प्रदीप सादानी और उनके भाई दैनिक जागरण के  पत्रकार प्रमोद सादानी सारंगपुर निवासी मुकेश कतिया के बीच एक जमीनी कब्जे का मामला साल 2014 से सारंगपुर कोर्ट में चल रहा था. इसमें निचली अदालत सहित हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट से जीतने के बाद जमीन का कब्जा सादानी बंधुओ को दिलाया जाना था. सारंगपुर कोर्ट के नायब नाजिर सहित सादानी बंधु कब्जा लेने पहुंचे तो मुकेश कतिया की छात्रा बेटी बुलबुल कतिया ने के नाम से सारंगपुर थाने में बीते  21.02.2024 एक मारपीट और SC/ST एक्ट की FIR दर्ज करवा दी गयी। 

क्या था एफ आई आर में 

पुलिस एफ  आई आर के अनुसार छात्रा बुलबुल दोपहर में जब वह पढ़ाई कर रही थी और घर पर अकेली थी, तभी आरोपी प्रदीप सादानी और प्रमोद सादानी उसके घर आए और लात मारकर गेट खोल दिया और उसके साथ गाली-गलौज भी करने लगे और जब उसने उन्हें बताया कि उसके पिता और मां ने उन्हें बुलाया है। बाहर गई तो उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया और उसकी जाति पर भी लांछन लगाए गए।

इंदौर हाईकोर्ट अधिवक्ता अखिल गोधा ने बताया की थाने में दर्ज केस के खिलाफ सादानी बंधु ने धारा 482 के तहत इंदौर हाईकोर्ट की शरण ली, जहां सारंगपुर कोर्ट के नाजिर के पंचनामे और अन्य साक्ष्य को देखते हुए माना की पंचनामे के अनुसार नाजिर कब्जा दिलाने गया था. और इस तरह की घटना हुई ही नहीं, केवल याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्रतिशोध लेने और सिविल न्यायालयों में उनकी सफलता के कारण उन्हें परेशान करने की दृष्टि से, झूठा आपराधिक मामला मुकेश ने अपनी बेटी के माध्यम से दर्ज कराया है। न्यायालय ने सारंगपुर थाने की FIR रद्द कर आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए है। अपील करता प्रमोद सादानी ने कहा की ये झूठी एफ  आई आर थी  हमें  झूठ फसाने का प्रयास किया गया था न्यायलयलीन प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास था पर हमें न्यायलय पर पूर्ण विश्वास था   यह फैसला हमें ख़ुशी देने वाला है सत्य की जीत हुई है