भोपाल । लंबे संघर्ष, आंदोलन, ज्ञापन के बाद मुख्यमंत्री ने जन्मदिन पर प्रदेश के कर्मचारियों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा करी थी जिस के आदेश जारी किए गए हैं लेकिन आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि सातवें वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को ही 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। वहीं छठवें वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी एवं विनियमित 48000 स्थाई कर्मी के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। जिससे छठवां वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों में एवं स्थाई कर्मियों में असंतोष व्याप्त हो गया है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि सरकार जब जब महंगाई भत्ता के आदेश जारी करती है तो तब तक किसी न किसी संवर्ग के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता का लाभ देना भूल जाती है। उनके साथ सोतेलो जैसा व्यवहार किया जाता है। फिर जब नौकरशाही और सरकार के सामने संगठनों द्वारा ध्यान आकर्षित  कराया जाता है की छठवें वेतनमान प्राप्त कर्मचारी एवं स्थाई कर्मियों तथा अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिला है तब सरकार अलग से आदेश जारी करने का काम करती है जो कि न्याय संगत नहीं है। शासकीय कर्मचारियों के साथ ही छठवें वेतनमान प्राप्त करने वाले कर्मचारियों एवं स्थाई कर्मियों या अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता का लाभ देने के आदेश एक साथ जारी होना चाहिए। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच 24 मार्च को मुख्यमंत्री से भेंट कर ज्ञापन सौंपकर मांग करेगा कि छठवें वेतनमान प्राप्त कर्मचारियों एवं स्थाई कर्मियों तथा अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को भी 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ देने के आदेश जारी करें जाएं।