भोपाल ।   अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए मध्य प्रदेश के किसानों को इसका लाभ दिलाने के लिए निर्यात बढ़ाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को नई दिल्ली में निर्यातकों और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक करेंगे। मध्य प्रदेश से अभी सालाना एक हजार 200 करोड़ रुपये का अनाज निर्यात होता है।

प्रदेश के बासमती चावल, दाल और शरबती गेहूं की काफी मांग

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के बासमती चावल, दाल और शरबती गेहूं की काफी मांग है। वर्ष 2020-21 में 840 करोड़ रुपये का एक लाख 27 हजार मीट्रिक टन चावल निर्यात किया गया। इसी तरह 98 करोड़ रुपये की 13 हजार 438 मीट्रिक टन दाल निर्यात की गई। प्रदेश के बासमती चावल को अभी जीआइ टैग नहीं मिला है इसलिए अन्य प्रांतों के कारोबारी यहां से चावल ले जाकर निर्यात करते हैं। हालांकि, बालाघाट के चिन्न्ौर चावल को जीआइ टैग मिल गया है।

मध्य प्रदेश के पक्ष को फिर से सुनकर निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट को बासमती चावल को जीआइ टैग देने संबंधी मध्य प्रदेश के पक्ष को फिर से सुनकर निर्णय करने के आदेश दिए हैं। वहीं, शरबती गेहूं के लिए सरकार आवेदन कर चुकी है। निर्यात के लिए गुण्ावत्ता संबंधी मानकों का पालन करने, प्रदेश के व्यापारियों को इसका प्रशिक्षण दिलाने और निर्यातकों से संपर्क बनाने की पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री इस संबंध में निर्यातकों से चर्चा करेंगे। सरकार ने वर्ष 2022-23 में तीन हजार करोड़ रुपये के कृषि उपज एवं प्रसंस्कृत उत्पाद के निर्यात का लक्ष्य रखा है।