विदिशा  कमान्डेंट  मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में 11 वीं वाहिनी भोपाल की टीम विदिशा में डूबे हुए 3 बच्चो को बचाने के क्रम में रेस्क्यू आपरेशन 13 मार्च से जारी रखी हुई थी , मध्य प्रदेश प्रशासन द्वारा सूचना प्राप्त होते ही  एनडीआरएफ भोपाल  की  22 सदस्य टीम दिनांक 13 मार्च को  निरीक्षक राजेश कुमार मीणा के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुचीं। एनडीआरएफ की टीम के पहुंचते ही टीम ने आपरेशन शुरू कर दिया तथा 3 दिनों के कठिन प्रयास के पश्चात तीनो बच्चो की बॉडी ताल से दिनांक 15 तक  निकाल ली  गई ।

 

जैसा कि विदित हो रविवार की शाम मेला देखने का मन बनाकर निकले तीन किशोर मस्ती के मूड में उदयगिरी के पास बैस नदी पर बने स्टॉपडेम के पास जा पहुंचे थे। यहां कपड़े उतारकर नहाने गए और फिर वहीं एक-एककर तीनों डूब गए। अधिकारियों की मानें तो इनमें से एक ने नए जूते पहन रखे थे, खेल-खेल में जब एक नया जूता पानी में बहा तो एक किशोर उसे पकडऩे पानी में आगे बढ़ा, लेकिन वह आगे चलकर पानी में समा गया। उसे बचाने के प्रयास में उसके दो साथी भी पानी में समा गए। रविवार की शाम से तीनों को बैस नदी में तलाशने की मुहिम शुरू हुई। सुबह एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही स्थानीय होमगार्ड टीम ने भी मशक्कत की। सुबह 8.07 बजे 16 वर्षीय विशेष श्रीवास्तव पिता - बृजेश श्रीवास्तव और फिर 8.16 बजे 17 वर्षीय आशीष लखेरा पिता - कृष्णा गोपाल लखेरा का शव बैस नदी में ही स्टॉपडेम से करीब 50 मीटर आगे निकाला गया। इसी क्रम में आखिरी डेड बॉडी को लगातार खोजने प्रक्रिया जारी रखी गई और अंततः दिनांक 15/03/22 को आखिरी शव जिसका नाम सक्षम विश्वकर्मा  पिता - भीकम विश्वकर्मा था को   सुबह 08: 46 मिनट पर एन०डी०आर०एफ द्वारा निकाल लिया गया । विभिन्न एजेंसिया इन को खोजने के लिए दिनांक 13/03/22 से लगी हुई थी जिनमे, एन०डी०आर०एफ, एस०डी०आर०एफ और होम गार्ड के जवान दिन रात एक करते हुए इस आपरेशन में शामिल थे ।