भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रदेश में शराब बंदी पर जनप्रतिनिधियों को सतर्क रहने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा शराब दुकान पर उठाया गया पत्थर एक चेतावनी थी और यह शुरुआत है। जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी निभाएं नहीं तो बड़ा जन आंदोलन का रूप ले लेगा।
निवाड़ी में उमा भारती ने कहा कि पत्थर जो उठाया गया है वह प्रतीक है और पहला है आखिरी नहीं है। अगर उसे आखिरी बनाना है तो शराब के मामले में जनप्रतिनिधियों को बहुत अच्छा काम करना होगा। पार्षदों, नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगम के अध्यक्षों व विधायकों को बेहद सतर्क रहना होगा। जनप्रतिनिधि इसकी अनदेखी बिल्कुल न करें। वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं नहीं तो यह बड़े जन आंदोलन का रूप ले लेगा। बता दें शराबबंदी को लेकर पिछले दिनों उमा भारती ने आक्रामक तेवर दिखाए थे। उन्होंने भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र तरावली मंदिर के पास स्थित एक शराब की दुकान के बाहर उन्होंने लोगों की राय ली, जिसे हटाने के लिए लोगों ने मांग की थी, इसके बाद उमा भारती ने सीएम से मुलाकात भी की थी। सीएम से मुलाकात के बाद वे भोपाल के बरखेड़ा पठानी की शराब दुकान पर पहुंची और लोगों से बात की तो सामने आया कि लोग लंबे समय से उसका विरोध कर रहे हैं, तो उमा भारती ने पत्थर उठाकर शराब दुकान में तोडफ़ोड़ कर दी थी, जिसे वे अब एक चेतावनी बता रही हैं।