कचरा फेंकने वालों पर सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए स्मार्ट सिटी में होगी निगरानी


भोपाल । राजधानी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) साफ्टवेयर से मानीटरिंग की जाएगी। बार-बार कचरा फेंकने वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी। स्मार्ट सिटी के इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इसका संचालन होगा। कचरा फेंकने की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर नगर निगम के कर्मचारी पहुंचकर जीवीपी (गारबेज वल्नेरेबल प्वाइंट) की सफाई करेंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर की रैंकिंग सुधारने के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा भोपाल स्मार्ट सिटी के साथ पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है।
बता दें कि शहर में कूड़ाघर या जीपीवी में कचरे के ढेर और इनकी सफाई नहीं होने से स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में भोपाल छठवें पायदान पर रहा है। इसलिए इन जीपीवी प्वांइट को समाप्त करने के लिए शहर के जीवीपी प्वाइंट का सर्वे कर रही है। इसकी शुरुआत जोन क्रमांक नौ के वार्ड नंबर 43, 45, 48 और 49 से की गई है। सबसे पहले सर्वे के लिए एमपी नगर, अरेरा कालोनी और शाहपुरा का चुनाव किया गया है। जीवीपी प्वाइंट की मानीटरिंग के लिए इम्प्रोव (भारत सरकार की सहयोगी संस्था) की चार शोध छात्राओं ने एक डैशबोर्ड बनाया है। यह स्मार्ट सिटी के एप पर चलेगा। इसमें कचरा फेंकने की जानकारी अपलोड की जाएगी। स्मार्ट सिटी के ओपन पोर्टल स्मार्टनेट पर यह डैशबोर्ड उपलब्ध रहेगा। देश की अन्य स्मार्ट सिटी भी इसका उपयोग स्थानीय निकायों में फेंके जा रहे कचरे की मानीटरिंग के लिए कर सकती हैं।
शोधार्थी मौके पर जाकर जीवीपी प्वाइंट का निरीक्षण कर रही हैं। इसके बाद इसे साफ्टवेयर में अपडेट किया जा रहा है। कार्यक्रम का नेतृत्व कर रही आकांक्षा शर्मा ने बताया कि जीवीपी प्वाइंट को तीन तरह से विभाजित किया गया है। इसके लिए स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि कौन सा स्थान ऐसा है, जहां तत्काल कचरा उठाना आवश्यक है। दूसरा वह स्थान है, जहां दो से तीन दिन में एक बार कचरा उठाया जा सकता है और तीसरा वो स्थान है, जहां सप्ताह में एक बार कचरा हटाना है। डैशबोर्ड पर इन्हें नीला, पीला और लाल रंग से चिन्हित किया गया है। इस प्रोजेक्ट में आकांक्षा के साथ छात्रा दिव्या भारती, कस्तूरी विश्वास और सरयू मधियालगन भी शामिल हैं।
स्मार्ट सिटी के एप में कोई भी खुले में कचरा होने की जानकारी अपलोड कर सकता है। इसके लिए नागरिकों को एप पर जाकर डैशबोर्ड में फोटो और स्थान की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। वहीं, सफाईकर्मी भी फोटो खींचकर इसे एप पर अपलोड कर सकते हैं। इतना प्रयास करने के बावजूद भी यदि लोग वहां कचरा फेंकना बंद नहीं करते तो इन स्थानों पर सीसीटीवी लगाया जाएगा। इसके बाद कचरा फैलाने के लिए दाषी व्यक्तियों को समझाइश दी जाएगी। खुले में कचरा फेंकना बंद नहीं करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
आकांक्षा शर्मा ने बताया कि भोपाल में सबसे अधिक लोग बिजली के खंभे और ट्रासफार्मर के नीचे कचरा फेंकते हैं। ये सबसे संवेदनशील स्थान होता है। शार्ट सर्किट होने पर यहां आग लगने का खतरा बना रहता है। वहीं, सड़कों के किनारे और नालियों में कचरा फेंका जा रहा है। इसे बंद कराने के लिए यह आंकड़े भी जुटाना आवश्यक है कि इतने प्रयासों के बाद भी लोग क्यों यहां कचरा फेंकते हैं।