नई दिल्ली । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन दो दिवसीय भारत दौरे पर गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचे ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन का शु्क्रवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में पीएम नरेंद्र मोदी ने जोरदार स्वागत किया। जोरदार स्वागत से अभिभूत बोरिस जानसन ने उनके प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान 100 अरब रुपए के निवेश के करार होने की उम्मीद जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिहाज से यह समय बेहद अनुकूल है। मुझे नहीं लगता कि चीजें हमारे बीच कभी उतनी मजबूत या अच्छी रही हैं जितनी अभी हैं। इसके बाद जानसन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। 
माना जा रहा है कि यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद बदलती वैश्विक व्यवस्था में हो रहे बदलाव को देखते हुए भारत और ब्रिटेन किस तरह से अपने द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाएंगे, यह भी नेताओं के बीच होने वाली वार्ता का एक अहम हिस्सा होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ जानसन की बातचीत का मुख्य फोकस हिंद-प्रशांत की स्थिति पर रहेगा, क्योंकि ब्रिटेन इस क्षेत्र में किसी भी तरह की जबरदस्ती का कड़ा विरोध करता है। 
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में जब भारत ने रूस के पक्ष में वोटिंग से अनुपस्थित रहने का फैसला किया था तब जानसन सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों ने तल्ख टिप्पणियां की थीं, लेकिन अमेरिका में टू प्लस टू वार्ता में भारत के दो टूक जवाब ने माहौल बदल दिया है। माना जा रहा है द्विपक्षीय बातचीत में बोरिस जानसन भारत पर इस मुद्दे पर कोई दबाव डालने का प्रयास नहीं करेंगे।
इससे पहले जानसन भारत पहुंचने पर गुरुवार को अहमदाबाद में साबरमती आश्रम पहुंचे। उन्होंने महात्मा गांधी को असाधारण व्यक्ति बताया। पंचमहल में नई जेसीबी फैक्ट्री का दौरा करने पहुंचे ब्रिटिश पीएम ने कहा कि भारत और ब्रिटेन को सुरक्षा और रक्षा साझेदारी को गहरा करना चाहिए। भारत और यूके दोनों दुनिया भर में निरंकुशता के बारे में चिंताओं को साझा करते हैं, हम दोनों अहम लोकतांत्रिक देश हैं और हम एक साथ रहना चाहते हैं।