जयपुर । कांग्रेस के बाद राजस्थान भाजपा में भी कलह शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अब अपनी ही पार्टी भाजपा से नाराज हो गई हैं। राजे ने जयपुर में भाजपा विधायक दल की बैठक में नाराजगी जाहिर की। नाराजगी वजह है एक महीने पहले पंचायत चुनाव में वसुंधरा के बेटे और बारां सांसद दुष्यंत सिंह के दफ्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं की तोड़फोड़। 
राजे द्वारा उठाए गए सवाल पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने चुप्पी तोड़ी है। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में पूनिया ने कहा पूरा प्रकरण बारां जिला प्रमुख चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग से जुड़ा है। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की जानकारी में पहले से ही है। यह घटना क्रॉस वोटिंग से संबंधित थी। क्रॉस वोटिंग किसके इशारे पर और क्यों हुई, ये जांच का विषय था। उसकी प्रतिक्रिया में जो हुआ वह भी पूरी तरह गलत था। दोनों ही पक्ष इस मामले में गलत है। पूरे घटनाक्रम की जांच रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के सामने पेश होगी, क्योंकि ये महत्वपूर्ण लोगों से जुड़ा मामला है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के संज्ञान में भी इसे लाना पड़ेगा। जैसा पार्टी आलाकमान निर्देश देगा हम कार्रवाई करेंगे।
भाजपा विधायक दल की मंगलवार को हुई बैठक में भाजपा नेताओं के मतभेद उस वक्त खुलकर सामने आ गए थे, जब वसुंधरा राजे ने बारां में सांसद दुष्यंत सिंह के निवास पर हुई तोड़फोड़ के मामले को उठाया। बगल में बैठे कई नेताओं की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी। बैठक के शुरू होने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने साथ बूंदी में हुई घटना की पार्टी के विधायकों को जानकारी दी। 
पूनिया ने हमले को सरकार की साजिश करार दिया और कहा, कोटा शहर में दौरे के वक्त उनके साथ पुलिस एस्कॉर्ट थी मगर जैसे ही वह कोटा का दौरा पूरा कर जयपुर के लिए रवाना हुए तो बूंदी की सीमा तक पुलिस उन्हें छोड़कर चली गई। वह कुछ ही किलोमीटर चले होंगे कि कांग्रेस के 300-400 गुंडे सामने आ गए। पहले काले झंडे दिखाए और फिर बीच हाइवे में कार के ऊपर चढ़कर हंगामा करने लगे। इस दौरान उनकी कार पर पत्थरों की बरसाए भी की गई। इस संघर्ष में उनके पीएसओ के कपड़े फट गए और आधे घंटे तक वह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का तांडव बर्दाश्त करते रहे। इस दौरान उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपने आपको वहां से बाहर निकाला।