मध्यप्रदेश   दोनों प्रमुख राजनीति दल संत रविदास जयंती के बहाने दलितों को जोड़ने में लगे हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर भी दोनों के बीच घमासान मचा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का ओबीसी संगठनों ने सम्मान किया। यह संदेश देने की कोशिश की गई कि कमलनाथ ओबीसी हितैषी है। यह बात बीजेपी को रास नहीं आई। कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कमलनाथ पर हमला बोला है। सारंग का कहना है कि कमलनाथ खुद पैसा देकर सम्मान करवा रहे हैं, जबकि उन्होंने ही ओबीसी आरक्षण में टांग अड़ाने का काम किया था।

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने कहा कि सम्मेलन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया गया। इसमें कहा कि पिछड़ा-वर्ग सम्मलेन में नाराज अरुण यादव और दिग्गी समर्थकों ने कमलनाथ पर हाथ साफ करने का असफल प्रयास किया! इसकी जांच हो! मेरी मुख्यमंत्री शिवराज और पुलिस-महानिदेशक से अपील है कि कमलनाथ को अरुण/दिग्गी से खतरा को देखते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए! वीडियो में सुरक्षा अधिकारी एक कांग्रेसी कार्यकर्ता को मंच से उतारते दिख रहे हैं। इसे कांग्रेस बीजेपी का दुष्प्रचार बता रही है।

बाजपेयी ने एक और ट्वीट कर लिखा कि- कमलनाथ ने स्वीकार किया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण के सभी काम शिवराज सरकार ने पूरे किए जो वो नहीं कर पाए थे! प्रायोजित--कार्यक्रम से उन्होंने कद्दावर पिछड़े नेता अरुण यादव और जननेता दिग्विजय सिंह को दूर रखा, क्योंकि उन्होंने इस कार्यक्रम के पैसे नहीं दिए थे।

बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कमलनाथ के उस बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंचायत में ओबीसी आरक्षण लेकर कांग्रेस कोर्ट नहीं गई। पाराशर ने लिखा क्या विवेक तन्खा कांग्रेसी नहीं है ? क्योंकि कमलनाथजी कह रहे हैं कि कांग्रेस पंचायत चुनाव के विरोध में न्यायालय नहीं गई !

भाजपाई मित्रों का पेट दर्द हो रहा : केके मिश्रा

बीजेपी पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि भाजपाई मित्रों का पेट दर्द हो रहा है कि OBC वर्ग कमलनाथ का अभिनंदन क्यों कर रहा है? मित्रों,समारोह स्थल पर आंगनवाड़ी,NGO कार्यकर्ता, कलेक्टर द्वारा भेजी प्रायोजित उपस्थिति नहीं है। देख सकते हैं, जो 17 सालों में 3 OBC के CM नहीं कर सके। अकेले कमलनाथ ने किया। ऐसे में दर्द स्वाभाविक है।