भोपाल ।  राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर राजधानी के साकेत नगर में स्‍थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्स) के आयुष विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । इसी के तहत मंगलवार को संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रो डा. अजय सिंह ने एम्स में बच्चों के लिए आयुर्वेदिक स्वर्ण प्राशन संस्कार का शुभारंभ किया। एम्स भोपाल में स्वर्ण प्राशन कराने वाला संभवत: प्रथम आयुर्विज्ञान संस्थान है। इसके बारे में जानकारी देते हुए संस्‍थान के निदेशक प्रो. सिंह ने कहा कि स्‍वर्ण प्राशन एक प्राचीन पद्धति है, जो कि बच्‍चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मे सहायक है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर क्षेत्र मे स्वर्ण प्राशन द्वारा जापानीज इंसेफेलाइटिस (मस्‍तिष्‍क ज्‍वर) की गंभीरता पर नियंत्रण प्राप्त किया गया है । उन्होंने कहा कि स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम के रूप में एम्स की यह पहल भोपाल एवं आस-पास क्षेत्रों मे बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने में सहायक होगी। इसके आगे भी एम्स मे हर माह पुष्य नक्षत्र पर स्वर्ण प्राशन आयोजित किया जाएगा, जो कि अगले महीने 15 नवंबर को होगा। यह बच्चों मे किए जाने वाले 16 संस्कारों मे से एक संस्कार है। यह विशेष रूप से पुष्य नक्षत्र में दिया जाता है। इसे शहद, घी, स्वर्ण भस्म तथा अनेक जड़ी-बूटियों को आयुर्वेदीय तरीके से मिलाकर तैयार किया जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। याददाश्त और एकाग्रता को बढ़ता है। पढ़ाई करने बच्चों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है । बच्चों के बौद्धिक एवं शारीरिक विकास में भी सहायक है। इस आयोजन में आयुष विभाग के डा. रंजना पांडे, डा. दानिश जावेद, डा. तारिक बरकती, डा. मुद्दा सोफिया सहित अन्य शामिल हुए।