यूक्रेन में मध्य प्रदेश के 454 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे थे जिनमें से अब तक 202 वापस आ चुके हैं। यह जानकारी विदेश मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश सरकार को सौंपी गई सूची में सामने आई है और पुलिस के अधिकारी इन बच्चों के परिवारों से संपर्क कर उनकी कुशल क्षेम पूछने में जुट गए हैं।

यूक्रेन में युद्ध होने के बाद से अब तक वहां फंसे मध्य प्रदेश के छात्र-छात्राओं की संख्या को लेकर राज्य सरकार के पास अधिकृत रूप से कोई जानकारी नहीं थी और इससे वास्तविक संख्या का पता नहीं चल रहा था। अब विदेश मंत्रालय ने मध्य प्रदेश सरकार को यूक्रेन में फंसे बच्चों की एक सूची भेजी है जिसमें 454 बच्चों की जानकारी दी है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इसमें कई बच्चों के अभिभावकों के मध्य प्रदेश में पदस्थापना के दौरान पासपोर्ट यहां से बनवाए जाने की वजह से उनका नाम राज्य की सूची में शामिल है जबकि वे अब मध्य प्रदेश में नहीं हैं। 

202 की अब तक वापसी हुई

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि विदेश मंत्रालय की सूची में शामिल मध्य प्रदेश के बच्चों में से अब तक 202 वापस आ चुके हैं। पुलिस अधिकारी वहां फंसे और लौट चुके बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर रहे हैं। अब तक 430 परिवारों से पुलिस अधिकारियों का संपर्क हो चुका है और वे निरंतर उनके कुशल क्षेम की जानकारी ले रहे हैं। गृह मंत्री ने बताया कि उनसे सूचि शर्मा व शिवानी सिंह का जो परिवार मिला था, उन्होंने बताया कि दोनों बच्चियां यूक्रेन सीमा से बाहर आ गई हैं और वे कुशल से हैं।