भोपाल ।  अगले सप्ताह में प्रदेश में आंधी  चलने और बादल छाने के पूरे आसार है। साथ ही बूंदाबांदी के भी अनुमान है। मौसम में आने वाले इन बदलावों का असर प्रदेश के तापमान पर पड़ेगा। तापमान में गिरावट दर्ज होगी। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर पश्चिमी मध्यप्रदेश तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इसका असर एक- दो दिन में ग्वालियर, चंबल से लेकर सागर, रीवा तक देखने को मिलेगा। इसकी वजह से दो दिन बाद तापमान में गिरावट आएगी। मौसम में मौजूद तल्खी खत्म हो जाएगी। यह सारा बदलाव बुधवार से दिखाई देगा। 21 अप्रैल से काले बादल छाने से माहौल बदलेगा। वहीं 22-23 अप्रैल को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बूंदा-बांदी होने का अनुमान है। बादल छाने की वजह से रात के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी और दिन के अधिकतम तापमान में कमी आएगी, इसकी वजह से उमस बढ़ेगी।लेकिन अच्छी खबर है कि लू वाली स्थिति कुछ दिनों के लिए नहीं रहेगी। मौसम विज्ञानियों के अनुसार फिलहाल लू किसी भी जिले में नहीं चल रही है। सोमवार से सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और तेज हवाओं की वजह से पूरे प्रदेश का तापमान दो-तीन डिग्री सेल्सियस कम होगा। कुछ जिलों जैसे खजुराहो, नौगांव, दतिया में तापमान अभी 44 डिग्री सेल्सियस है, वो दो-तीन दिनों में धीरे-धीरे कम होकर 40-41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। इसी तरह अन्य प्रमुख शहरों जैसे भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर में भी तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक कम होगा। इससे लोगों को चार-पांच दिन राहत मिलेगी। यह बदलाव धीरे-धीरे होगा। जैसा कि विज्ञानियों का पूर्वानुमान है, अगर कुछ क्षेत्रों में बूंदा-बांदी होती है तो तापमान 38-39 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच सकता है। क्योंंकि ये पश्चिमी विक्षोभ बहुत छोटे होते हैं और तेजी से आगे बढ़ते हैं, इसलिए 24 अप्रैल को बादल हट जाएंगे और अगले हफ्ते दोबारा गर्मी बढ़ेगी व लू की स्थिति बनेगी। इस बारे में मौसम विज्ञानी ममता यादव का कहना है कि 20 -21 अप्रैल को पूरे प्रदेश में तेज हवाएं चलने का अनुमान है। ये हवाएं दोपहर के वक्त चलेंगी और इनकी रफ्तार 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसका असर फसलों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा, इसलिए कृषि से जुड़े लोगों को मेरा सुझाव है कि फसलों को तेज हवाओं से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लें, नहीं तो भारी नुकसान हो सकता है। लोगों को भी ऐसी तेज आंधी में बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि इससे चोट लगने की आशंका रहेगी।