नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछले दो दिनों से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली के शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था के मॉडल को देखने आए हैं। वो अलग बात है कि पिछले आठ सालों से वे पंजाब से सांसद रहते हुए एक बार भी दिल्ली के स्कूलों एवं स्वास्थ्य व्यवस्था मॉडल देखने नहीं गए। अगर दिल्ली का शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था इतना ही अच्छा है तो भगवंत मान सात साल पहले ही एक सांसद के रुप में भी इन सभी व्यवस्थाओं को अपने संसदीय क्षेत्र में लागू कर सकते थे। यह महज इत्तेफाक नहीं है कि भगवंत मान को एक सांसद के रुप में दिल्ली मॉडल पसंद नहीं आया और मुख्यमंत्री बनते ही वे इस तथाकथित मॉडल के मुरीद हो गए।
आज प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के कहने पर जिस दिल्ली मॉडल को देखने भगवंत मान आए हैं, उसकी सच्चाई भले ही अरविंद केजरीवाल उनसे छुपा लें या वे जानते हुए भी अनजान बन जाएं। लेकिन भाजपा उनसे कुछ नहीं छुपाएगी और दिल्ली मॉडल की सच्चाई उन्हें जरुर जाननी चाहिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार शिक्षा व्यवस्था के बजट का आधा पैसा भी शिक्षा पर खर्च नहीं कर पाती है। 2015-16 के अंदर शिक्षा व्यवस्था के लिए आवंटित 3350 करोड़ रुपये में सिर्फ 1964 करोड़ रुपये खर्च हो पाया। इसी प्रकार 2016-17 में 3499.50 करोड़ रुपये में से सिर्फ 2666.48 करोड़ रुपये, 2017-18 में 2204 करोड़ रुपये में से खर्च सिर्फ 2200 करोड़, 2018-19 में 4789 करोड़ रुपये में से सिर्फ 1874 करोड़ रुपये, 2019-20 में 4591 करोड़ रुपये में से सिर्फ 2836 करोड़ रुपये 2020-21 3626 करोड़ रुपये में से 1760 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाया। इसी हकीकत को फसाना बनाकर भगवंत मान के सहारे पूरे देश और दिल्ली के सामने झूठ परोसने का काम अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं, जो सच्चाई से कोसो दूर है। प्रेसवार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष राजन तिवारी, प्रदेश भाजपा मीडिया रिलेशन विभाग के प्रभारी हरीश खुराना और प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख हरिहर रघुवंशी उपस्थित थे।
श्री गुप्ता ने कहा कि शिक्षा क्रांति में 500 नए स्कूल बनाने की बात करने वाले केजरीवाल ने अपने सात सालों में नए स्कूल बनाना तो दूर 16 चल रहे पूराने स्कूल भी बंद कर दिए। दिल्ली सरकार के पास अभी फिलहाल 1030 स्कूल है जिनमें से 755 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। 416 स्कूलों में उपप्रधानाध्यापक नहीं है। 16834 शिक्षकों को पद खाली है और सिर्फ 330 स्कूलों में 11वीं एवं 12वीं स्कूलों में साइंस पढ़ाई जाती है। यही दिल्ली की शिक्षा मॉडल की सच्चाई है जिसकी दिन-रात गुणगान केजरीवाल सहित उनके मंत्री करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये सच्चाई जानकर भी भगवंत मान चुप हैं तो वे पंजाब की जनता के साथ छल कर रहे हैं। वे दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एजेंडे की स्क्रिप्ट पढ़ने आए हैं ना कि किसी व्यवस्था की हकीकत जानने।
श्री गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने तो अपनी वाहवाही लूटने के लिए बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से भी परहेज नहीं किया। सबको दसवीं का रिजल्ट बेहतर दिखाने के लिए साल 2015-16 में दिल्ली सरकार ने वर्ग 9वीं के 132741 बच्चे को फेल कर दिए। इसी प्रकार 2106-17 में 116732 छात्र, 2017-18 में 117271 बच्चों को, 2018-19 में 112937 बच्चों को 2019-20 में 99205 बच्चों को 9वीं कक्षा में फेल किया गया। उन्होंने कहा कि अगर इसी व्यवस्था को भगवंत मान देखने आए हैं और इसे पंजाब में लागू करना चाहते हैं तो आप सोच सकते हैं कि वहां के बच्चों का भविष्य कैसा होगा।
श्री गुप्ता ने एक वीडियो दिखाते हुए कहा कि जिस मोहल्ला क्लीनिक एवं स्वास्थ्य मॉडल को दिखाने के लिए भगवंत मान को बुलाया गया है उसकी सच्चाई कल सबके सामने खुद आ गई। जिस अस्पताल के अंदर अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री भगवंत मान को स्वास्थ्य व्यवस्था का गुणगान कर रहे थे, उसी अस्पताल के बाहर बुजुर्ग, महिलाएं बच्चों का स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। लोग स्वास्थ्य व्यवस्था ना मिलने से चीख रहे थे, चिल्ला रहे थे कि हमें कुछ भी फ्री नहीं चाहिए सिर्फ डाइलिसिस चाहिए, डॉक्टर चाहिए, दवाईयां चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ तोते की तरह स्क्रिप्ट रटना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है बल्कि अगर दिल्ली के इस झूठे मॉडल को अपनाया गया तो पंजाब जिसका बेड़ा गर्ग पिछली कांग्रेस सरकार ने पहले से ही कर रखा है, अब भगवंत मान सरकार भी उसी रास्ते पर चलकर पंजाब को बर्बाद करने पर तुली हुई है।